बिहार के सरकारी स्कूलों में छुट्टियों में भारी कटौती की गई है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के नये फरमान के बाद स्कूलों की छुट्टियों में कटौती की गई है। इस साल दीपावली से छठ तक विभिन्न पर्व और त्योहारों में छुट्टियों की संख्या घटाकर आधी कर दी गई है लिहाजा अब इस मुद्दे पर सियासत शुरू हो गयी है।
बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि बिहार सरकार के शिक्षा विभाग ने छुट्टियों में भारी कटौती कर अपने हिंदू विरोधी मानसिकता का परिचय दिया है। आखिर रक्षा बंधन, जन्माष्टमी, जिउतिया की छट्टियों को क्यों रद्द किया गया है। आखिर कार्तिक पूर्णिमा की छुट्टी को क्यों रद्द किया गया। चेहल्लुम की छुट्टी यथावत है, वो रहनी चाहिए लेकिन छठ और दीपावली की छुट्टी में कटौती करना और हिंदू त्योहारों की छुट्टियों को रद्द करना ये क्या दर्शाता है?
इसके साथ ही सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश जी, आपने ऐसे व्यक्ति को शिक्षा विभाग का अपर मुख्य सचिव बना रखा है, जो इसी प्रकार की उटपटांग हरकतें कर पूरे देश के अंदर बिहार की जगहंसाई कर रहा है। मैं मुख्यमंत्री से अपील करुंगा कि वे जल्द इस हिंदू विरोधी सर्कुलर को वापस लिया जाए।
आप राइट-टू-एजुकेशन की जो बात कह रहे हैं, उसकी धारा 27 में ये तो ये कहा गया है कि गैर शैक्षणिक कार्यों में शिक्षकों को नहीं लगाया जाएगा। दो महीने जातीय गणना का काम चला, सारे स्कूल बंद पड़े थे और शिक्षक यही काम कर रहे थे। अगर गैर शैक्षणिक कार्यों से शिक्षकों को निकाल दिया जाए तो छुट्टियों में कटौती करने की कोई जरूरत नहीं है। राइट-टू-एजुकेशन का बहाना मत ढूंढिए और अविलंब इस हिंदू विरोधी सर्कुलर को तत्काल वापस लीजिए।