पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि कर्पूरी जन्म शताब्दी के अवसर पर जदयू द्वारा राज्य स्तरीय सम्मलेन स्थगित किया जाना अतिपिछड़ों का “राजकीय अपमान” है।उन्होंने कहा कि मकर संक्रांति (15 जनवरी) के बाद ठंड कम होने लगती है और यदि भीड़ कम आने का आकलन था तो राज्य स्तरीय समारोह को बापू सभागार में भी किया जा सकता था, लेकिन तैयारी के बाद सीधे स्थगित कर देना कर्पूरी ठाकुर जैसे कद्दावर पूर्व मुख्यमंत्री और उनके अतिपिछड़ा समाज का ” राजकीय अपमान ” है।
मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार की नीति और नीयत में खोट के कारण अतिपिछड़ा जनाधार जदयू से खिसक चुका है, इसलिए भीड़ न जुटने के डर से ठंड के बहाने समारोह स्थगित कर दिया गया। उन्होंने कहा कि हाल में विकास मित्रों, टोला सेवकों को लगा कर सरकारी तंत्र के दुरुपयोग से भले ही “भीम संसद” का आयोजन करा लिया गया, लेकिन कर्पूरी जयंती समारोह में अतिपिछड़ा समाज जुटने वाला नहीं था।
उन्होंने कहा कि जदयू इस बात से भी डरी हुई हैं कि मुख्यमंत्री कब क्या बोल देंगे, इसका कोई ठिकाना नहीं। ऐसे ही कारणों से नीतीश कुमार की बनारस रैली रद की गई थी। राजनीतिक लाभ-हानि की चिंता किये बिना जदयू कर्पूरी जयंती (24 जनवरी) पर राज्य स्तरीय सम्मलेन स्थगित करने से बच सकती थी। क्या जदयू 15-20 हजार लोगों को भी एकत्र नहीं कर सकता था?