बिहार की स्वर कोकिला के नाम से मशहूर सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा का बीमारी के चलते निधन हो गया. शारदा सिन्हा को पूरी दुनिया में उनकी सुरीली आवाज और खासतौर पर उनके छठ गीतों के लिए जाना जाता है. पिछले कुछ समय से उनकी सेहत काफी नाजुक थी. एम्स दिल्ली में उनका इलाज चल रहा था.
हाल ही में उनके बेटे ने जानकारी दी है कि उनकी स्थिति काफी गंभीर है और आज उनकी मौत की खबर ने बिहार समेत पूरे देशवासियों को हिलाकर रख दिया. शारदा सिन्हा को उनकी सुरीली आवाज और गीतों के लिए कई खिताबों और अवॉर्ड्स से सम्मानित किया जा चुका है. आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि उन्होंने संगीत में कौन सी डिग्री हासिल की थी और कहां से पढ़ाई-लिखाई की थी….
कितनी पढ़ी-लिखी थीं शारदा?
शारदा सिन्हा का पैतृक निवास हुलास में स्थित है. उनका जन्म 1 अक्टूबर 1952 को सुपौल जिले के हुलास गांव में हुआ था. उनके पिता, सुखदेव ठाकुर शिक्षा विभाग में अधिकारी थे. शारदा सिन्हा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा हुलास में ही पूरी कीं. इसके बाद शारदा ने बिहार की नामी यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की.
जानकारी के मुताबिक शारदा ने 12वीं के बाद बीएड किया था. शारदा ने मगध महिला कॉलेज, प्रयाग संगीत समिति और ललित नारायण मिथिला यूनिवर्सिटी से अपनी पढ़ाई कंप्लीट की थी. ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय से उन्होंने संगीत में पीएचडी की उपाधि भी हासिल की थी.
बॉलीवुड में उनके ये गाने हुए मशहूर
शारदा ने पहली बार 1974 में भोजपुरी गीत गाया. 1978 में उनके छठ गीत ‘उग हो सुरुज देव’से शारदा को घर-घर में पहचान मिली. भोजपुरी गीतों के लिए मशहूर शारदा सिन्हा ने बॉलीवुड के कुछ गानों में भी अपनी सुरीली आवाज दी है.
साल 1989 में उन्होंने बॉलीवुड में भी कदम रखा और यहां भी खूब सराहना बटोरी. उनका बॉलीवुड फिल्म मैंने प्यार किया फिल्म में ‘कहे तोसे सजना’ और हम आपके हैं कौन फिल्म का ‘बाबुल जो तुमने सिखाया’ गाना दशकों बाद भी उतना ही मशहूर है.
कई अवॉर्ड्स से किया गया है सम्मानित
शारदा सिन्हा ने अपने जीवन में कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की है. उन्हें भारत और राज्य सरकार ने कई बड़े पुरस्कारों से सम्मानित किया है. साल 1991 में उन्हें पद्म श्री से नवाजा गया था. साल 2018 में उन्हें पद्म भूषण दिया गया था.
इसके अलावा उन्हें भिखारी ठाकुर सम्मान, बिहार गौरव, बिहार रत्न और मिथिला विभूति जैसे कई अवॉर्ड्स मिले हैं. इतना ही नहीं शारदा सिन्हा को बिहार कोकिला और भोजपुरी कोकिला और भोजपुरी की लता मंगेशकर जैसे खिताबों से भी नवाजा गया.