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‘अब उ निशान नइखे, समय बदल गइल बा, अब सिवान में बनी नया समीकरण’, हिना शहाब को ओढ़ाई गयी माता रानी की चुनरी

सिवानः निर्दलीय कैंडिडेट के रूप में चुनावी मैदान में उतरकर हिना शहाब ने सिवान लोकसभा सीट पर मुकाबले को न सिर्फ रोचक बना दिया है बल्कि महागठबंधन के लिए मुश्किल खड़ी कर दी है. इस बीच शनिवार को जब हिना शहाब को चुनाव प्रचार के दौरान माता रानी की चुनरी ओढ़ाई गयी तो माहौल बदला नजर आया।

‘अब उ निशनवा नइखे’: बिना किसी पार्टी सिंबल के ही हिना शहाब अपने चुनाव प्रचार में जोर-शोर से जुटी हैं और नये समीकरण की बात कह रही हैं. चुनाव प्रचार के दौरान हिना शहाब जब पचरुखी थाना इलाके के अतरसुआ गांव में पहुंची तो इलाके के लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया. इस दौरान सबसे खास बात ये रही कि हिना को माता रानी की चुनरी ओढ़ाई गयी. हिना शहाब ने भी कहा- “अब उ निशनवा नइखे, समय बदल गइल बा, अब सिवान में नया समीकरण बन रहल बा.”

‘सभी को साथ लेकर चलना है’: अतरसुआ गांव में लोगों को संबोधित करते हुए हिना शहाब ने कहा कि “सभी को साथ लेकर चलना है और सिवान में विकास की गंगा बहानी है. इसलिए कि कोई भी काम हो, सभी की रजामंदी से हो, सभी की सोच के साथ हो, अच्छी सोच के साथ हो तो वो अच्छा ही होता है. इसी सोच के साथ हम आपलोगों के बीच आए हैं.”

बहुत कुछ कह रहा है हिना का बयानः दरअसल, आरजेडी की लाख कोशिशों के बावजूद हिना शहाब इस बार सिवान के चुनावी रण में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उतर चुकी हैं. हिना के इस फैसले के बाद सिवान में जिस तरह उनको समर्थन मिल रहा है उससे महागठबंधन और NDA के प्रत्याशियों की नींद उड़ी हुई है. हिना का नया समीकरण वाला बयान भी सुर्खियां बनने लगा है।

MY समीकरण के अहम किरदार थे शहाबुद्दीनः जिस MY समीकरण की ताकत पर लालू ने कई सालों तक बिहार और भारत की राजनीति में अपना सिक्का जमाया उस समीकरण के किरदारों में मोहम्मद शहाबुद्दीन सबसे अहम किरदार थे. सिवान और उसके आसपास सहित पूरे बिहार में शहाबुद्दीन के नाम पर एकजुट मुस्लिमों ने बिहार में आरजेडी का सियासी वर्चस्व कायम करने में बड़ी भूमिका निभाई थी. लेकिन शहाबुद्दीन के निधन के बाद हवा बदल चुकी है।

26 मई को है सिवान में चुनावः बता दें कि लोकसभा चुनाव के छठे चरण यानी 26 मई को सिवान लोकसभा सीट के लिए वोटिंग होगी. वैसे तो बिहार की अधिकांश सीटों पर महागठबंधन और NDA के बीच सीधा मुकाबला है लेकिन सिवान में हिना शहाब की उम्मीदवारी ने मुकाबले को त्रिकोणीय बना दिया है. यहां जेडीयू की ओर से लक्ष्मी रानी कुशवाहा जबकि आरजेडी की ओर से विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ताल ठोक रहे हैं।

सिवान में हेना शहाब से मुलाकात करेंगे तेजस्वी? शहाबुद्दीन परिवार का ‘विश्वास’ जीतने की होगी कोशिश

बिहार की सत्ता से बाहर होने के बाद पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव अब जनता के बीच जाएंगे. इसी के मद्देनजर वह 20 फरवरी से ‘जन विश्वास यात्रा’ पर निकलेंगे. माना जा रहा है कि इस यात्रा के माध्यम से न केवल वह आम अवाम के बीच अपनी पैठ मजबूत करेंगे बल्कि वैसे नेताओं को भी साथ लाएंगे, जो हाल के वर्षों में राष्ट्रीय जनता दल से नाराज चल रहे हैं. इसी कड़ी में पूर्व सांसद शहाबुद्दीन की पत्नी हेना शहाब से भी उनकी मुलाकात हो सकती है।

हेना शहाब से मिलेंगे तेजस्वी यादव?: जन विश्वास यात्रा के दौरान तेजस्वी यादव सिवान में हेना शहाब से मुलाकात कर सकते हैं. उनकी यात्रा 22 फरवरी को सुबह 10:30 बजे सिवान पहुंचेगी. हालांकि इसको लेकर अभी तक किसी भी नेता ने औपचारिक बयान नहीं दिया है. तेजस्वी की यात्रा को लेकर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि हमारी ओर से तैयारी शुरू कर दी गई है।

22 फरवरी को सिवान आएंगे आरजेडी नेता: पूर्व डिप्टी सीएम का कार्यक्रम स्थल तड़वां गांव के पास ग्राउंड में होगा, क्योंकि मैट्रिक का एग्जाम होने की वजह से आसपास प्रोग्राम नहीं रखकर तड़वां में रखा गया है. जहां तेजस्वी यादव 22 तारीख को सिवान में जनसभा को संबोधित करेंगे. अवध बिहारी चौधरी ने कहा कि तेजस्वी यादव के कार्यक्रम में तमाम नेता और कार्यकर्ता मौजूद रहेंगे।

शहाबुद्दीन परिवार से लालू फैमिली की दूरी: तेजस्वी यादव के सिवान आगमन की खबर मिलने के बाद यह चर्चा तेज हो गयी है कि 22 को क्या शहाबुद्दीन परिवार से भी तेजस्वी मिलेंगे, क्योंकि बीच में आरजेडी के बैनर से शहाबुद्दीन की फोटो गायब हो गई थी. वहीं अब कुछ महीने से बैनर में शहाबुद्दीन दिखने लगे हैं. ऐसे में यह कयास लगाए जा रहे हैं कि हो सकता है कि तेजस्वी यादव शहाबुद्दीन परिवार से मिलने जा सकते हैं।

आरजेडी से हेना शहाब की नाराजगी: पिछले कुछ महीनों से इस बात की चर्चा जोरों पर है कि हेना शहाब और उनके बेटे जल्द ही आरजेडी को छोड़कर जेडीयू का दामन थाम सकते हैं. इसको लेकर हेना ने संकेत भी दिए हैं. हालांकि चिराग पासवान से भी शहाबुद्दीन परिवार की नजदीकी बढ़ी है. माना जा रहा है कि राज्यसभा नहीं भेजे जाने से हेना शहाब नाराज हैं. साथ ही जिस तरह से लालू फैमिली ने शहाबुद्दीन परिवार से दूरी बना रखी है, उससे भी वह नाराज हैं।