“नीतीश कहते हैं कि ‘देर रात भी कहीं आ- जा सकते हैं’…यहां तो घर में सुरक्षित नहीं लोग”- दीपंकर भट्टाचार्य का तंज
‘पिताजी की विदाई ने हृदय में गहरा घाव छोड़ दिया है, जो कभी भर नहीं पाएगा’, मुखाग्नि के बाद मुकेश सहनी भावुक