भारतीय कंपनी टाटा ने ग्लोबल मार्केट के लिए भारत में आईफोन बनाने का ऐलान किया है। कंपनी के इस निर्णय से भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। भारत में आईफोन जैसे फोन्स का निर्माण होने से देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। इसके साथ ही ऐप्पल के भारतीय बाजार की तरफ रूख करना चीन के लिए बहुत बड़ा झटका है। क्योंकि, ग्लोबल मार्केट के लिए ज्यादातर आईफोन का निर्माण चीनी में किया जाता है।
केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने दी जानकारी
दरअसल, टाटा द्वारा ग्लोबल मार्केट के लिए आईफोन का निर्माण करने की सूचना इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रौद्योगिकी मंत्री राजीव चंद्रशेखर (Rajeev Chandrasekhar) ने दी। उन्होंने कहा प्रोजेक्ट ढाई साल के भीतर पूरी हो जाएगी और सरकार ग्लोबल ब्रांडों के साथ साझेदारी के प्रयासों में टाटा ग्रुप और अन्य भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों का समर्थन करेगी।
चंद्रशेखर ने एक्स पर लिखा, “@GoI_MeitY वैश्विक भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियों के विकास में पूरी तरह से समर्थन में खड़ा है, जो बदले में उन वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक ब्रांडों का समर्थन करेगा जो भारत को अपना विश्वसनीय विनिर्माण और प्रतिभा भागीदार बनाना चाहते हैं और भारत को वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स शक्ति बनाने के पीएम के लक्ष्य को साकार करना चाहते हैं।”
यह कदम ऐप्पल की रणनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतीक है। क्योंकि, ऐप्पल अपने अधिकांश नए आईफोन का प्रोडक्शन करने और उन्हें दुनिया भर के ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए चीनी कारखानों पर निर्भर रहा है।
हालांकि, अमेरिका और चीन के बीच चल रहे ट्रेड वार, साथ ही बढ़ती चीनी श्रम लागत ने Apple को प्रोडक्शन के वैकल्पिक स्रोतों की तलाश करने के लिए प्रेरित किया है। भारत अपने बड़े कंज्यूमर मार्केट, स्कील वर्कफोर्स और अनुकूल सरकारी नीतियों के साथ एक आकर्षक विकल्प के रूप में उभरा।