नौकरी छोड़ चाय बेचकर करोड़ों का साम्राज्य बनाने वाले इंजीनियर की कहानी : आज हम आपको एक ऐसे युवक की कहानी बताने जा रहे हैं जिस ने मेहनत करके पढ़ाई की और इंजीनियर बना. पढ़ाई पूरी होने के बाद उसे अच्छी खासी नौकरी मिली और पैकेज भी जबरदस्त मिला. लेकिन कहते हैं ना जिसके मन में कुछ अलग करने की इच्छा हो वह भला नौकरी कैसे कर सकता है. युवक के साथ भी कुछ ऐसा हुआ और अंत में उसने नौकरी छोड़ने का फैसला लिया और चाय बेचने लगा. जिस दिन उसने अपने परिवार के लोगों को बताया कि वह चाय बेचना चाहता है तो सभी लोग दंग रह गए थे. किसी ने उसका साथ नहीं दिया. आस-पड़ोस के लोग और दोस्त मित्र गाली देने लगे. सबका एक ही कहना था कि लड़का ज्यादा पढ़कर पगला गया है. युवक की कहानी आइए डिटेल में जानते हैं…
यह कहानी उत्तर प्रदेश के दो दोस्तों की है. इन दोनों का नाम अभिनव टंडन और प्रमित शर्मा है. बाय प्रोफेशन दोनों दोस्त इंजीनियर है. वर्तमान समय में यह दोनों लोग चाय कॉलिंग नामक नाटक चला रहे हैं और उनका अपना एक रिटेल स्टोर है. दोनों का कहना है कि हम लोग नए अवसर की तलाश कर रहे थे. मन में कुछ अलग करने की इच्छा थी. काफी सोचने विचारने के बाद हम लोगों ने चाय दुकान खोलने का फैसला लिया।
अमित बताते हैं कि मैं एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हूं वही अभिनव इलेक्ट्रिकल इंजीनियर है. हम दोनों पढ़ाई करने के बाद एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम कर रहे थे. जीवन में सब ठीक चल रहा था. हम लोगों ने ज़ब बिजनेस करने का फैसला लिया अब हम दोनों में से किसी के भी पास पैसे नहीं थे।
अभिनव बताते हैं कि जब वे दोनों पढ़ाई करते थे या फिर नौकरी तो उन्हें सड़क विक्रेताओं से चाय का सेवन करना पड़ता था जो बेहद ही घटिया क्वालिटी के होते थे। और यहीं से उनके मन में चाय से संबंधित व्यापार शुरू करने का आइडिया मिला।
अपना कारोबार शुरू करने की चाह में पहले दोनों दोस्तों ने अपनी जॉब को अलविदा कहा और सपनों को पीछा करना शुरू कर दिए। दोनों ने अपने वेतन से बचाए एक लाख रूपये से नोइडा सेक्टर 16 मेट्रो स्टेशन के समीप अपनी पहली चाय की दुकान खोली।
ग्राहकों के सामने शुद्ध और गुणवत्तापूर्ण चाय परोस कम ही दिनों में उन्होंने हजारों लोगों को अपनी चाय का दीवाना बना लिया।
चाय की तेज़ी से होम डिलीवरी के लिए अभिनव और प्रमीत ने चाय ब्रिगेड नाम से एक नए कांसेप्ट को जन्म दिया, जो महज़ 15 मिनट के अंदर चाय की डिलीवरी कर देते हैं।
आज दोनों दोस्त मिलकर 10 से ज्यादा चाय स्टाल चला रहे हैं और आने वाले वक़्त में अन्य शहरों में भी अपने कारोबार का विस्तार करने की ओर तत्पर हैं। इन टी-स्टॉलों पर 15 किस्म की चाय मिलती हैं जिसकी कीमत 5 रुपए से लेकर 25 रुपए तक होती।
इतना ही नहीं कंपनी का सालाना टर्न ओवर करोड़ों रुपये है। अभिनव और प्रमीत चाहते तो अपनी अच्छी-खासी तनख्वाह वाली नौकरी करते हुए मौज भरी जिंदगी जी रहे होते लेकिन किसी के यहाँ नौकरी करने की बजाय खुद की काबिलियत से दूसरों के लिए रोजगार के अवसर मुहैया कराने में विश्वास रखते हुए उन्होंने अपनी नौकरी को छोड़ने की हिम्मत दिखाई और आज एक सफल स्टार्टअप के कर्ता-धर्ता हैं।