बिहार की एक चाय वाले के घर में दिवाली से पहले ही उत्सव का माहौल शुरू हो चुका है. घर पर लोगों की भीड़ लगी हुई है और एक दूसरे को बधाई दी जा रही है. बधाई देने वालों को फ्री में चाय और मिठाइयां भी खिलाई जा रही है. हो भी क्यों ना क्योंकि बिटिया और पत्नी दोनों ने बीपीएससी परीक्षा में सफलता का परचम लहराया है. बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित 67वीं bpsc परीक्षा पास कर जहां बिटिया अफसर बनी है तो वही पत्नी ने बीपीएससी द्वारा आयोजित शिक्षक बहाली परीक्षा में पास होकर मास्टरनी बनने का सफलता प्राप्त की है।
रंपा कुमारी बताती है कि मैं मूल रूप से बिहार के शेखपुरा की रहने वाली हूं. वर्तमान समय में सरकारी स्कूल में नियोजित शिक्षिका के रूप में काम कर रही हूं. Bpsc रिजल्ट निकलने के बाद से ही न सिर्फ मेरे गांव में बल्कि आसपास के सभी नियोजित शिक्षक मुझे बधाई दे रहे हैं. एक सप्ताह पहले ही मां ने भी बीपीएससी द्वारा आयोजित शिक्षक बहाली परीक्षा में पास होकर सफलता का परचम लहराया था. आप कह सकते हैं कि मेरे घर में डबल डबल खुशियां एक साथ आ गई है।
मेरी मां का नाम मीना कुमारी है और वह भी पहले से सरकारी स्कूल में नियोजित शिक्षिका है मीना कुमारी चेवाड़ा के सिझौड़ी में नियोजित शिक्षिका थीं। रंपा के पिता नवल किशोर प्रसाद शेखपुरा तिरमुहानी में चाय की दुकान चलाते हैं।
2012 से नियोजित शिक्षिका हैं रंंपा
शहर के जमालपुर की रहने वाली रंपा कुमारी को अनुमंडल पिछड़ा-अतिपिछड़ा कल्याण पदाधिकारी बनाया गया है। रंपा सदर प्रखंड के मटोखर मध्य विद्यालय में 2012 से नियोजित शिक्षिका हैं। रंपा ने बताया नियमित रूप से विद्यालय की ड्यूटी करने के साथ बीपीएससी की परीक्षा की तैयारी की।
नियमित रूप से स्कूल की ड्यूटी करने और कक्षा में पढ़ाई भी उनकी तैयारी में सहायक बना। रंपा की सफलता पर आस-पड़ोस के लोगों के साथ शिक्षक और शिक्षा विभाग के अधिकारी,कर्मी भी उन्हें बधाई देने घर पहुंच रहे हैं।
रंपा ने फोन पर बताया शिक्षिका के रूप में काम करते हुए बीपीएससी की परीक्षा की तैयारी करने में काफी मदद मिली। सात घंटे स्कूल की ड्यूटी के बाद घर पर स्वयं परीक्षा की तैयारी की और यह सफलता हासिल किया। रंपा के मामा जदयू नेता भगवान कुशवाहा ने बताया शुरू से ही यह पढ़ाई को लेकर संवेदनशील रही है।