मुजफ्फरपुर में शिक्षक का पता नहीं, हो गई F.I.R से लेकर वेतन बंद तक की कार्रवाई
शिक्षा विभाग में आजकल सबकुछ सही नहीं चल रहा है। नया मामला शिक्षकों के नाम से दर्ज प्राथमिकी का है। जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय ने गुलदस्ता एवं लाठी वितरण में जिन 20 शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज कराई, उनमें चार शिक्षक थे ही नहीं।
यही नहीं, जो चार शिक्षक थे ही नहीं उनका वेतन भी बंद करने का आदेश जारी कर दिया गया। जांच में मामला सामने आने के बाद अब खलबली मची है। यह इसलिए हुआ कि वेतन जारी करने का आदेश आया तो इनमें 16 शिक्षक ही मिले। क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक के पत्र से भी यह बात सामने आई है।
क्या है पूरा मामला?
कुढ़नी प्रखंड के उच्च माध्यमिक स्कूल करमचंद्र रामपुर बलरा मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक और जिला शिक्षा पदाधिकारी के बीच चार मार्च, 2024 को मारपीट की घटना घटी थी। इसके बाद शिक्षक संगठन ने गुलदस्ता और लाठी वितरण किया था।
नहीं थे शिक्षक, फिर भी हो गई कार्रवाई
इसपर जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, स्थापना ने नगर थाने में 13 मार्च, 2024 को प्राथमिकी कराई थी। विभाग ने चार ऐसे शिक्षकों के खिलाफ प्राथमिकी कराई जो शिक्षक थे ही नहीं।
प्राथमिकी में शिक्षक के रूप में शामिल हरिनाथ साह, शंकर कुमार, समरेंद्र कुमार और ललिता कुमारी कहीं भी शिक्षक नहीं थे। जिन 20 शिक्षकों का वेतन बंद करने का आदेश हुआ उनमें भी उक्त चार शामिल थे।
16 शिक्षकों का ही वेतन शुरू:
शिक्षा निदेशक को जानकारी मिली कि प्राथमिकी दर्ज शिक्षकों का वेतन अनावश्यक बंद है। विभाग ने वेतन भुगतान का आदेश देते हुए कहा कि अप्रैल से जिला शिक्षा अधिकारी इन शिक्षकों का वेतन भुगतान करेंगे। वहीं, मार्च का वेतन क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक स्तर से जांच के बाद भुगतान होगा।
डीपीओ स्थापना कार्यालय ने 16 शिक्षकों का ही वेतन जारी किया, जबकि 20 शिक्षकों का वेतन बंद और नामजद अभियुक्त बनाया गया था। उधर, तिरहुत प्रमंडल के क्षेत्रीय शिक्षा उपनिदेशक ने मार्च के वेतन भुगतान को लेकर 16 शिक्षकों से जवाब मांगा है।
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