एक तरफ चुनाव आयोग निष्पक्ष और भयमुक्त माहौल में मतदान कराने में जुटी है तो वही दूसरी तरफ शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के शिक्षक बच्चों को गुमराह करने में लगे हैं। बच्चों को पढ़ाई की जगह यह सिखा रहे हैं कि अपने माता-पिता को कहो कि वह बीजेपी को वोट न दें।
मामला बिहार के मुज़फ्फरपुर जिले के कुढ़नी प्रखंड का है। जहां अमरख मध्य विद्यालय के शिक्षक हरेंद्र रजक पर स्कूल के बच्चों ने गंभीर आरोप लगाये हैं। बच्चों ने बताया कि स्कूल के टीचर हरेंद्र रजक हमें यह सिखाते हैं कि मोदी जी जो पांच किलो अनाज देते हैं, वह सड़ा-गला होता है। 5 किलो राशन भीख जैसा लगता है। इसलिए अपने-अपने माता-पिता को जाकर कहना कि मोदी के कमल छाप पर वोट न दें। जब बच्चों ने गुरूजी के इस आदेश को अपने माता-पिता को बताया तो यह बात सुनकर वे भी हैरान रह गये।
वही पूरे गांव में यह बात आग की तरह फैल गयी। बच्चों के माता-पिता और ग्रामीण स्कूल पहुंच गये और उक्त टीचर का विरोध करने लगे। स्कूल के शिक्षक पर छोटे-छोटे नाबालिग बच्चों को गुमराह करने का आरोप लगाने लगे। उन्होंने हरेंद्र रजक पर राजनीतिक पार्टी विरोधी मानसिकता पैदा करने की बात कही।
ग्रामीण अनिल कुमार ने बताया कि स्कूल के टीचर बच्चों को पढ़ाने की जगह माहौल बिगाड़ने का काम कर रहे हैं। बच्चों को पढ़ाने के दौरान यह कहते हैं कि सड़े-गले चावल के लिए तुम्हारे माता-पिता मोदी सरकार को वोट देते हैं। पागल हैं क्या वे लोग? घर जाकर अपने माता-पिता को कहो कि मोदी जी को वोट न दें।
ग्रामीणों ने उक्त शिक्षक हरेंद्र रजक के खिलाफ जिला शिक्षा पदाधिकारी को आवेदन दिया है और मामले की जांच कर दोषी शिक्षक पर कार्रवाई की मांग की है। चुनाव आयोग के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने का आरोप भी लगाया है। प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी मिंटू कुमारी ने बताया कि यह मामला उनके संज्ञान में नहीं आया है। मामला संज्ञान में आने के बाद उक्त टीचर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।