Voice Of Bihar

खबर वही जो है सही

20 को विधानसभा के बाहर मुंह पर काली पट्टी बांधकर मौन प्रदर्शन करेगा शिक्षक संघ, ये हैं उनकी मांगें

GridArt 20240103 111421029 jpg

बिहार प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष बृजनंदन शर्मा ने बताया कि 20 जनवरी को हम अपनी मांगों को लेकर विधानसभा के बाहर प्रदर्शन करेंगे. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार, शिक्षा विभाग और संबंधित अधिकारियों को पत्र लिखकर इस बारे में अवगत करा दिया गया है. पत्र के माध्यम से उन्होंने कहा है कि संघ द्वारा बार-बार अनुरोध के बावजूद शिक्षा हित में शिक्षकों के कतिपय समस्याओं का अभी तक निदान नहीं किया जा सका है।

“बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ ने सरकार से अनुरोध किया गया था कि शिक्षकों की मांगों को यदि दिनांक 31 दिसंबर 2023 तक पूर्ण नहीं किया गया तो शिक्षक संगठन आंदोलन करने को विवश होगा. ऐसे में अब प्राथमिक शिक्षक संघ के तमाम सदस्य काली पट्टी बांधकर 20 जनवरी को विधानसभा के बाहर धरना देंगे”- बृजनंदन शर्मा, अध्यक्ष, बिहार प्राथमिक शिक्षक संघ

मुंह पर काली पट्टी बांधकर मौन प्रदर्शन

बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष बृजनंदन शर्मा ने कहा कि अब तक उन लोगों की मांगों को पूरा नहीं किया गया है. ऐसे में प्राथमिक माध्यमिक और उच्च माध्यमिक सभी कोटि के राज्य के शिक्षक आगामी 20 जनवरी 2024 को बिहार विधान मंडल के सामने गर्दनीबाग में पटना में मुंह पर काली पट्टी बांध कर एक दिवसीय भूख हड़ताल पर रहेंगे. संघ ने सरकार से अनुरोध किया है कि शिक्षा हित में शिक्षकों के उपर्युक्त मांगों को शीघ्र पूरा किया जाए. अन्यथा राज्य के शिक्षक आंदोलन करने को विवश होंगे और इसके कारण जो शिक्षा की क्षति होगी, उसके लिए राज्य सरकार खुद जिम्मेवार होगी।

क्या है संघ की मांग?

बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2023 में संशोधन करते हुए सभी शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा देकर उसी स्थान पर पदस्थापन और ऐच्छिक स्थानान्तरण की सुविधा देने की मांग की गई है. सभी कोटि के शिक्षकों को पुरानी पेंशन योजना से आच्छादित करने की मांग, सभी शिक्षकों को संगठन से हुए पूर्व के समझौता के अनुरूप केंद्रीय वेतनमान देने की मांग, शिक्षा विभाग बिहार सरकार द्वारा जारी नियम/अधिनियम के विरूद्ध मनमानी आदेश को रद्द करना, विद्यालय की समय सारणी में संशोधन और विद्यालय संचालन की अवधि पहले की तरह रखने, विद्यालयों के अवकाश तालिका में संशोधन, शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की आयु 62 वर्ष करने और स्थानीय निकाय द्वारा नियुक्त शिक्षकों को पूर्व की सेवा की वरीयता का लाभ देने की मांग शामिल है।