बिहार के शिक्षक को अब आवासीय प्रशिक्षण से रात्रि में भागना महंगा पड़ेगा। प्रशिक्षण से गायब होने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई होगी। उनके वेतन से प्रशिक्षण की राशि काटी जाएगी। इसको लेकर राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने सख्ती बरतने का आदेश दिया है। इसको लेकर एससीईआरटी के संयुक्त निदेशक (प्रशासन) सुषमा कुमारी ने शिक्षक-प्रशिक्षण कालेज व डायट केंद्र के प्राचार्य को पत्र भेजा है।
दरअसल, सतत व्यावसायिक विकास योजना के तहत राज्य के सरकारी विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को छह दिवसीय आवासीय प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह राज्य के सभी सरकारी अध्यापक प्रशिक्षण संस्थानों एवं एससीईआरटी पटना में दिया जा रहा है। जिले से शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए बुलाया जाता है। इस दौरान लगातार यह सूचना मिल रही थी कि बड़ी संख्या में शिक्षक रात्रि में प्रशिक्षण केंद्र पर नहीं रहते हैं। अपने घर या नजदीक के किसी सगे संबंधी के यहां चले जाते हैं।
वहीं,इस पत्र में कहा गया है कि यह आवासीय प्रशिक्षण नियम के विरुद्ध है। एससीईआरटी के निदेशक ने मामले को काफी गंभीरता से लिया है। वैसे शिक्षकों को आर्थिक दंड लगाने का आदेश दिया है। ऐसे शिक्षकों से प्रशिक्षण में आने वाले खर्च की राशि जमा करनी होगी। जिले में प्रशिक्षण ले रहे हैं तो 4800 और एससीईआरटी में प्रशिक्षण ले रहे हैं तो 7200 रुपए की राशि उनके वेतन से कटौती की जाएगी। ट्रेनिंग कालेज के प्राचार्य ऐसे शिक्षकों पर विभागीय कार्रवाई के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी और डीपीओ स्थापना अनुशंसा करेंगे।
इधर, सक्षमता पास 16 शिक्षक शिक्षा विभाग नहीं पहुंच रहे हैं। इन शिक्षकों का आवेदन पेंडिंग है। बड़ी संख्या में शिक्षकों ने आधार व जन्मतिथि अपडेट किया है। इस वजह से इन शिक्षकों की काउंसिलिंग नहीं हो सकी थी। सक्षमता पास शिक्षकों की पिछले दिनों सिकंदरपुर डीआरसीसी में काउंसिलिंग हुई थी। मोबाइल नंबर में परिवर्तन, आधार और सक्षमता परीक्षा फार्म में भरे गए नाम में अंतर, आधार के मोबाइल नंबर का चेंज होना, जन्मतिथि में अंतर व अन्य कारणों से बड़ी संख्या में शिक्षकों की काउंसिलिंग नहीं हो सकी थी। शिक्षा विभाग ने ऐसे शिक्षकों को मौका दिया है। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में आवेदन देना था।