लेटरल एंट्री पर एनडीए में दो फाड़ देखने को मिल रही है। जेडीयू ने भी विपक्ष के साथ अपने सुर मिलाये हैं। जेडीयू नेता किसी त्यागी ने कहा है कि लेटरल एंट्री का फैसला पिछड़ों के खिलाफ़ है। आपको बता दें कि चिराग पासवान ने भी सरकार के फैसले का विरोध किया था। वहीं टीडीपी ने सरकार के फैसले का समर्थन किया है।
दूसरी ओर विपक्ष की बड़ी पार्टियों कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने लेटरल एंट्री का खुला विरोध किया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने तो मोदी सरकार पर सिविल सेवा का प्राइवेटाइजेशन करने का आरोप लगाया है। राहुल गांधी ने कहा था कि सरकार बहुजनों का हक मार रही है।
उधर अखिलेश यादव ने कहा था कि भाजपा अपनी विचारधारा के संगी-साथियों को पिछले दरवाज़े से यूपीएससी के उच्च सरकारी पदों पर बैठाने की जो साज़िश कर रही है, उसके ख़िलाफ़ एक देशव्यापी आंदोलन खड़ा करने का समय आ गया है।