आंखों में आंसू, होठों पर गुस्सा: मनीष की अंतिम यात्रा में उमड़ा जनसैलाब

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झालदा (पश्चिम बंगाल)/रांची।कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले में शहीद हुए आईबी अधिकारी मनीष रंजन मिश्र को गुरुवार को उनके पैतृक आवास झालदा में अंतिम विदाई दी गई। उनकी अंतिम यात्रा में हजारों लोग शामिल हुए। हर आंख नम थी, लेकिन चेहरों पर गम और गुस्से का मिला-जुला भाव साफ नजर आ रहा था। भीड़ ने “पाकिस्तान मुर्दाबाद” के नारे लगाए और इस कायराना हमले का बदला लेने की मांग की।

दिल्ली से रांची और फिर झालदा पहुंचा पार्थिव शरीर

सुबह 9 बजे दिल्ली से मनीष का पार्थिव शरीर रांची एयरपोर्ट लाया गया। उनके साथ विमान से उनकी पत्नी और पुत्र भी पहुंचे। पत्नी की हालत बेहद खराब थी, उन्हें कार से बाहर नहीं निकाला गया। एयरपोर्ट पर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने श्रद्धांजलि दी और शोक संतप्त परिवार को ढांढस बंधाया।

रांची से दोपहर 12 बजे शव झालदा स्थित आवास पर पहुंचा, जहां सैंकड़ों लोगों की भीड़ पहले से इंतजार में थी। शव पहुंचते ही वहां शोक की लहर दौड़ गई। प्रशासनिक अधिकारियों ने सबसे पहले श्रद्धांजलि अर्पित की।

‘शहादत बेकार नहीं जाएगी’ की हुंकार

अंतिम यात्रा के दौरान लोगों ने कहा कि मनीष की शहादत व्यर्थ नहीं जानी चाहिए। भारत सरकार को इस हमले के गुनहगारों को मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए। स्थानीय युवाओं ने कहा कि मनीष जैसे साहसी अधिकारी देश की अमूल्य धरोहर होते हैं और उनकी शहादत से हर भारतीय का सिर गर्व से ऊंचा हो जाता है।


 

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