देश की सियासत में इन दिनों आरक्षण पर जमकर घमासान मचा है। बीजेपी और आरजेडी के बीच सियासी जंग शुरू हो गई है। इस बीच लालू यादव के छोटे बेटे और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने बीजेपी को आरक्षण विरोधी बताते हुए। बिहार में 75% आरक्षण करने के राजद के फैसले की मिसाल दी है। साथ ही भाजपा पर कई आरोप भी लगाए हैं।
तेजस्वी ने ट्वीट करते हुए कहा कि बीजेपी विशुद्ध रूप से आरक्षण विरोधी है। बिहार में मात्र 17 महीनों में हमारी सरकार ने राजद के सामाजिक न्याय, नीतियों एवं प्रतिबद्धता के चलते देश में प्रथम बार जातिगत गणना करवाने तथा आरक्षण सीमा बढ़ाकर 75% करने का ऐतिहासिक कार्य किया। हमारी पहल पर ही बिहार कैबिनेट ने राज्य सरकार की नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में वंचित जातियों का आरक्षण 50% से बढ़ाकर 65 प्रतिशत किए जाने संबंधी संशोधित प्रावधानों को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र की मोदी सरकार से बारम्बार अनुरोध किया लेकिन आरक्षण विरोधी बीजेपी सरकार ने गलत मंशा के चलते अभी तक इसे 9वीं अनुसूची में नहीं डाला है।
तेजस्वी ने आगे कहा कि मोदी सरकार ने देशभर में जातिगत जनगणना कराने के हमारे प्रस्ताव को कभी भी स्वीकृति ही नहीं दी बल्कि जातिगत जनगणना रुकवाने के लिए अर्थात् देश के “सॉलिसिटर जनरल” को भी सुप्रीम कोर्ट में खड़ा किया। इससे स्पष्ट होता है की BJP और मोदी सरकार एकदम आरक्षण, वंचित वर्गों के उत्थान एवं उत्थान दलित, पिछड़ा, आदिवासी, गरीब और बहुजन विरोधी है।