“कानून-व्यवस्था को लेकर तेजस्वी के आरोप झूठे”, जदयू ने कहा- वह कुछ भी अनाप सनाप बोलने से पहले…

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बिहार में सत्तारूढ़ जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने प्रतिपक्ष एवं राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के वरिष्ठ नेता तेजस्वी प्रसाद यादव के प्रदेश में कानून-व्यवस्था को लेकर लगाए गए आरोपों को झूठ करार दिया और नसीहत देते हुए कहा कि यादव को कुछ भी अनाप सनाप बोलने से पहले इस वर्ष के राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट का अध्ययन कर लेना चाहिए।

‘क्राइम रेट आपराधिक घटनाओं के निर्धारण के लिए NCRB का एक महत्वपूर्ण संकेतक’

जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राजीव रंजन प्रसाद ने नेता प्रतिपक्ष यादव के आपराधिक घटनाओं से जुड़े उनके ताजा ट्वीट पर सोमवार को नसीहत देते हुए कहा कि कुछ भी अनाप सनाप बोलने से पहले उन्हें एनसीआरबी के वर्ष 2024 की रिपोर्ट का अध्ययन कर लेना चाहिए, जिसमें उच्च अपराध दर के प्रथम दस राज्यों की सूची में बिहार शामिल नहीं है। उन्होंने कहा कि स्पष्ट है कि आबादी की दृष्टि से दूसरे बड़े राज्य बिहार में उक्त सूची के राज्यों से कानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर है। प्रसाद ने कहा कि राज्य में पुलिस बल में पर्याप्त नियुक्तियों, आधारभूत संरचना का विस्तार, अनुसंधान की बेहतर गुणवत्ता, आधुनिकतम तकनीक का प्रयोग एवं स्वयं राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा नियमित निगरानी से यह संभव हो रहा है। उन्होंने कहा कि क्राइम रेट आपराधिक घटनाओं के निर्धारण के लिए एनसीआरबी का एक महत्वपूर्ण संकेतक है।

“राजद लगातार कमजोर हो रहा”
जदयू प्रवक्ता ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष के बदले हुए सुर की वजह सीधे तौर पर बार-बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा भविष्य में कभी भी राजद के साथ नहीं जाने की घोषणा से उपजी हताशा है क्योंकि राजद लगातार कमजोर हो रहा है। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में फिसड्डी प्रदर्शन की वजह से वर्ष 2025 विधानसभा चुनाव में पूर्ण सफाये का उन्हें अहसास हो गया है। प्रसाद ने कहा कि राज्य में क़ानून का शासन बड़े औद्योगिक समूहों को निवेश के लिए प्रेरित कर रहा है। लगातार कारखाने लग रहे हैं। बेरोज़गारों को रोज़गार मिल रहा है। इससे लालटेनी संस्कृति के पोषक तत्वों की नींद उड़ रही है। इसीलिए, लगातार बिहार की छवि मलिन करने की चेष्टा में यादव संलग्न हैं। उन्होंने कहा कि जिस पार्टी के शासन को पटना उच्च न्यायालय ने जंगलराज की संज्ञा दी हो, जिस काले दौर के साथ लोमहर्षक सामूहिक नरसंहारों एवं फिरौती के लिए अपहरण के कुख्यात किस्से जुड़े हों, उन्हें ऐसे बयानों के पहले अपने गिरेबान में झांक लेना चाहिए।