जमीन के बदले नौकरी मामले में बढ़ने वाली है तेजस्वी की मुश्किलें, ED ने 11 आरोपियों के खिलाफ सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल किया

tejaswi yadav

रेलवे में नौकरी के बदले जमीन लेने के मामले में बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है। मनी लॉन्ड्रिंग केस की जांच कर रही ईडी ने तेजस्वी यादव समेत कुल 11 आरोपियों के खिलाफ राउज एवेन्यू कोर्ट में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल कर दी है। तेजस्वी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल होने के बाद कोर्ट आगामी 13 अगस्त को इसपर सुनवाई करेगी।

दरअसल, आरोप है कि रेल मंत्री रहते हुए लालू प्रसाद ने भारतीय रेलवे के 11 जोन में ग्रुप डी की बहालियों में भ्रष्टाचार किया। लोगों की जमीनें और फ्लैट लेकर उन्हें रेलवे में नौकरी दी गई। इस मामले की सीबीआई और ईडी दोनों जांच कर रही हैं। जांच में यह बात सामने आई है कि लालू ने अपने और अपने परिवार के लोगों के नाम पर इन जमीनों की रजिस्ट्री कराई थी।

सीबीआई और ईडी ने इस मामले में लालू प्रसाद, उनकी पत्नी राबड़ी देवी, बेटी मीसा भारती, दूसरी बेटी हेमा यादव, तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव समेत कई लोगों को आरोपी बनाया है। इस मामले में ED और CBI दोनों जांच एजेंसियों का शिकंजा लालू परिवार पर कसता जा रहा है। इस मामले में भोला यादव और अमित कात्याल के अलावा लालू यादव, तेजस्वी, राबड़ी मीसा सभी जमानत पर हैं। केस की सुनवाई दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में चल रही है।

इस मामले में सीबीआई ने फाइनल चार्जशीट शुक्रवार को दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट में दाखिल कर चुकी है। इस चार्जशीट में लालू प्रसाद, उनकी पत्नी व बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव समेत कुल 78 लोगों को आरोपी बनाया गया है। सीबीआई ने अपनी फाइनल चार्जशीट में लालू परिवार के साथ 38 कैंडिडेट्स समेत कुल 78 लोगों को आरोपी बनाया है।

अब ईडी ने भी इस मामले में तेजस्वी यादव पर शिकंजा कसा है। ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तेजस्वी यादव समेत कुल 11 आरोपियों के खिलाफ राउज एवेन्यू कोर्ट में पहला पूरक आरोप पत्र दाखिल कर दिया है। इसमे 96 दस्तावेज भी हैं। कोर्ट ने आरोप पत्र और दस्तावेजों की जांच के लिए 31 अगस्त की तारिख निर्धारित की है। ऐसे में माना जा रहा है कि तेजस्वी यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
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