बिहार की सबसे बड़ी बिजली घर परियोजना पीरपैंती की निविदा गुरुवार को जारी हो गई। अगले तीन -चार महीने में एजेंसी का चयन हो जायेगा। इसके बाद चयनित एजेंसी से कंपनी बिजली खरीदने के लिए पावर परचेज एग्रीमेंट (पीपीए) करेगी। इस साल के अंत तक इस बिजली घर का काम शुरू हो जाएगा। चार साल के भीतर इस बिजली घर से उत्पादन शुरू हो जायेगा। पीरपैंती से 24 सौ मेगावाट बिजली उत्पादित होगी। पूरी बिजली बिहार को ही मिलेगी।
पीरपैंती में 800 मेगावाट की तीन इकाई (कुल 2400 मेगावाट) का निर्माण होगा। 21,400 करोड़ की लागत से बनने वाला यह पवार प्लांट प्रदेश में निजी क्षेत्र का अब तक का सबसे बड़ा निवेश होगा। विद्युत विनियामक आयोग की ओर से तय दर के अनुसार बिहार सरकार पीरपैंती की पूरी बिजली खरीदेगी। यह परियोजना मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दूरदर्शी ऊर्जा नीति का नतीजा है। ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि इस परियोजना से बिहार के लोगों को न सिर्फ गुणवत्ता पूर्ण बिजली मिलेगी, बल्कि बिजली दरों में भी कमी आएगी।
रोजगार के अवसर बढ़ेंगे
मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने कहा कि ऊर्जा सुरक्षा के लिए सरकार ने 2400 मेगावाट का नया थर्मल पावर प्लांट स्थापित करने का निर्णय लिया है। ऊर्जा सचिव पंकज कुमार पाल ने कहा कि परियोजना के पूरा होने बिहार में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।
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