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नगर निगम में कार्यरत महिला सफाईकर्मी को पौने 2 लाख रुपये की रिश्वत के साथ एसीबी टीम ने किया गिरफ्तार

ByRajkumar Raju

जून 15, 2024
Corruption

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने राजस्थान के पाली जिले में बड़ी कार्रवाई करते हुए नगर निगम हेरिटेज जयपुर में कार्यरत महिला सफाईकर्मी आशा कंडारा उर्फ आशा भाटी को पौने 2 लाख रुपये की रिश्वत की रकम के साथ ट्रैप कर लिया।

ट्रैप कार्रवाई में महिला सफाईकर्मी आशा कंडारा के बेटे रिषभ भाटी और दलाल योगेंद्र चौधरी को भी गिरफ्तार किया. प्रारंभिक जानकारी के अनुसार एसीबी पाली ब्यूरो टीम को गोपनीय शिकायत मिली थी कि नगर निगम और नगर पालिकाओं में सफाई कर्मचारियों की भर्ती के लिए अभ्यर्थियों से रिश्वत की रकम इकट्ठा कर एक महिला कार्मिक और दलाल जैतारण से जयपुर आ रहे हैं।

इस पर एसीबी टीम ने आशा कंडारा, उसके बेटे रिषभ और दलाल योगेंद्र चौधरी उर्फ रवि को ट्रैप कर लिया. फिलहाल आशा कंडारा को सस्पेंड कर दिया गया है. आशा कंडारा की गिरफ्तारी के बाद हर कोई हैरान है. आशा कंडारी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं के लिए प्रेरणाश्रोत थी. अब आशा कंडारी को लेकर सनसनीखेज खुलासे हो रहे हैं. रैंक के मुताबिक सीडीपीओ पद पर ज्वॉइन करना था लेकिन आशा कंडारी ने कभी ज्वॉइनिंग नहीं ली।

राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) में चयनित होने वाली आशा कंडारा को 728वीं रैक मिली थी। आशा कंडारा नगर निगम जयपुर हेरिटेज के वार्ड-19 में सफाईकर्मी थी. आरोप है कि आशा अलग-अलग जिलों में लोगों को सफाई कर्मचारी के पद पर भर्ती करवाने के नाम पर रुपये इकट्ठे कर रही थी. अजमेर से इंस्पेक्टर कंचन भाटी और पाली से इंस्पेक्टर चैनप्रकाश चौधरी ने टीम जयपुर हाईवे पर एक होटल पर पैसों के साथ रंगेहाथ गिरफ्तर किया। कार की तलाशी ली गई. उसमें से 1.75 लाख रुपये बरामद हुए।

अब आशा के घर पर और अन्य ठिकानों पर पुलिस की छापेमारी जारी है. महिला सफाईकर्मी जयपुर से पाली के लिए जा रही थी. जैतारण में उसका बेटा ऋषभ और दलाल योगेंद्र चौधरी रुपये लेकर आए थे. तीनों होटल में रुके थे. तभी एसीबी ने तीनों को गिरफ्तार किया। सफाईकर्मी आशा कंडारा की शादी 1997 में हुई थी लेकिन यह रिश्ता बहुत दिनों तक चल नहीं पाया।

2004-2005 के दौरान आशा पति से ह्जो गई. इसके बाद ग्रेजुएशन किया और 2018 में RAS की परीक्षा दी. जानकारी के मुताबिक, RAS-2018 में आशा की 728वीं रैंक आई थी. एसडीएम पद नहीं मिलने की वजह से उसने कभी जॉइन नहीं किया था। इसलिए इसका दिमाग गलत रास्ते पर चलने लगा।

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