सीबीआई की विशेष अदालत ने बीएसएनएल में धोखाधड़ी के एक मामले के आरोपी शैलेंद्र श्रीवास्तव उर्फ पप्पू श्रीवास्तव को 2 वर्ष की सजा और 60 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है।
पटना स्थित विशेष अदालत नंबर-1 ने इस मामले की सुनवाई के दौरान आरोपी पप्पू को दोषी पाते हुए यह सजा सुनाई है। सीबीआई ने 14 जनवरी 2002 को इससे संबंधित एक मामला दर्ज किया था। इसमें फर्जी लोगों के नाम से तीन टेलीफोन लगाए गए थे। इसका मकसद लाखों रुपये का कॉल करने के बाद टेलीफोन बिल जमा नहीं करना था। आरोपी पप्पू की योजना थी कि वे बड़ी संख्या में बिल को बिना जमा किए चंपत हो जाए। इस मामले की जांच में केंद्रीय एजेंसी ने इस मामले को सही पाया।
टेलीफोन कनेक्शन को तत्काल प्रभाव से लगाने के लिए विशेष श्रेणी के अंतर्गत आवेदन किया गया था। इसके लिए लघु उद्योग महकमा के निदेशक के फर्जी सर्टिफिकेट का उपयोग भी किया गया था। जांच के क्रम में टेलीफोन महकमा का एक एसडीओ रैंक के अधिकारी की भी मिली भगत पाई गई। इस अधिकारी ने ही टेलीफोन लगाने के श्रेणी का बदलाव किया था। इस पूरी धोखाधड़ी से बीएसएनएल को 5 लाख 53 हजार रुपये की चपत लगी थी। जांच में दोषी पाए जाने के बाद कोर्ट ने इस निजी व्यक्ति को सजा सुनाई है।