भारत में HMPV वायरस की दस्तक ने बढ़ाई चिंता, चीनी वायरस को लेकर बिहार में भी अलर्ट

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चीन में फैले एचएमपीवी वायरस से पूरे भारत में खलबली मची हुई है। चीन के कोरोना वायरस की तरह घातक वायरस एचएमपीवी के भारत में दस्तक देने के बाद स्वास्थ्य विभाग भी अलर्ट पर है। वहीं भारत के कुछ राज्यों कर्नाटक, गुजरात, महाराष्ट्र और बेंगलुरु में HMPV वायरस से संक्रमित मरीज मिले हैं, जिसके बाद बिहार सरकार अलर्ट हो गई है।

बिहार सरकार ने इस वायरस के खतरे को देखते हुए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। बिहार के स्वास्थ्य विभाग ने सोमवार को सभी जिलों के डीएम, मेडिकल कॉलेज अस्पतालों के प्राचार्य एवं अधीक्षक, सिविल सर्जनों को इस वायरस से बचाव के लिए कोरोना की तर्ज पर ही सारे बंदोबस्त करने के निर्देश दिए है। मास्क, पीपीई किट, ऑक्सीजन कसंट्रेटर समेत दवाइयों का स्वास्थ्य संस्थानों में पर्याप्त स्टॉक रखने को कहा गया है।

HMPV एक श्वसन वायरस
बता दें कि यह कोई नया वायरस नहीं है। इस वायरस की पहली पहचान साल 2001 में हुई थी। HMPV एक श्वसन वायरस है जो ऊपरी और निचले श्वसन संक्रमण का कारण बन सकता है। यह वायरस विशेष रूप से छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों को प्रभावित करता है।

HMPV के लक्षण और प्रसार
HMPV आमतौर पर सर्दियों और वसंत के दौरान अधिक सक्रिय होता है। इसके लक्षण सर्दी-जुकाम जैसे होते हैं, जिनमें खांसी, गले में खराश, बुखार और सांस लेने में दिक्कत शामिल हैं। यह वायरस संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने, या दूषित सतहों के संपर्क में आने से फैलता है।

HMPV से बचने के उपाय
HMPV से बचाव के लिए कुछ बुनियादी स्वच्छता उपायों का पालन करना जरूरी है। अपने हाथों को साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकंड तक धोएं। बीमार लोगों के साथ निकट संपर्क से बचें। दूषित सतहों, जैसे दरवाजे की कुंडी और खिलौनों को नियमित रूप से साफ करें। खांसते और छींकते समय मुंह और नाक ढकें। अपनी निजी वस्तुओं जैसे कप और खाने के बर्तन साझा करने से बचें। बीमार होने पर घर पर रहकर संक्रमण को फैलने से रोकें।

क्या है HMPV का इलाज?
HMPV के लिए फिलहाल कोई विशिष्ट एंटीवायरल दवा या वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। बचाव ही एकमात्र इलाज है। इसके इलाज में लक्षणों को कम करने और सहायक चिकित्सा देखभाल का सहारा लिया जाता है।

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