रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में पुरी शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद शामिल नहीं होंगे. उन्होंने अयोध्या में बने राम मंदिर और वहां हो रही प्राण प्रतिष्ठा के विधानों में शंकराचार्य की गरिमा का ख्याल नहीं रखने का आरोप लगाया है. शंकराचार्य ने कहा कि पीएम मोदी रामलला की मूर्ति को छूएं और वह वहां खड़े होकर ताली बजाएं, यह उनकी गरिमा के खिलाफ है. शंकराचार्य निश्चलानंद ने कहा, पीएम मोदी द्वारा रामलला की मूर्ति को स्पर्श करना ही मर्यादा के खिलाफ है. ऐसे में वह मर्यादा पुरुषोत्तम की मर्यादा के उल्लंघन के साक्षी नहीं बन सकते।
उन्होंने कहा, राम मंदिर में मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा शास्त्रों के अनुसार होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि राम मंदिर पर जिस तरह की राजनीति हो रही है, वह नहीं होनी चाहिए. इस समय राजनीति में कुछ सही नहीं है. निश्चलानंद ने धर्म स्थलों पर बनाए जा रहे कॉरिडोर की भी आलोचना की. उन्होंने कहा, आज धर्म स्थलों को पर्यटन स्थल बनाया जा रहा है. इस तरह इन्हें भोग-विलासता की चीजों को जोड़ा जा रहा है, जो ठीक नहीं है।
वहीं राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के लिए आमंत्रण पर भी उन्होंने आपत्ति जताई. शंकराचार्य निश्चलानंद ने बताया कि उन्हें आमंत्रण मिला है. इस पर लिखा है कि वे एक ही व्यक्ति के साथ आयोजन में आ सकते हैं. उन्होंने बताया, इसके अलावा उनसे किसी भी प्रकार का कोई संपर्क नहीं किया गया. उन्होंने कहा, यही वजह है कि मैं आयोजन में नहीं जाऊंगा. पीएम पर हमला करने के साथ शंकराचार्य ने इस्लाम को लेकर भी बड़ा बयान दिया है. कहा कि चाहे मोहम्मद साहब हो या ईसा मसीह, सबके सबके पूर्वज सनातनी थे।
बता दें कि श्रीराम मंदिर के गर्भगृह में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होगी. प्राण प्रतिष्ठा के बाद भगवान की आरती होगी और इसके बाद भगवान का दरबार आम श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाएगा।