मॉनसून के मौसम में सहरसा के शिक्षकों को एक असामान्य और भयावह स्थिति का सामना करना पड़ा. घनी धुंध के कारण उनकी नाव रास्ता भटक गई. शिक्षक प्रतिदिन नदी पार कर स्कूल जाते हैं, लेकिन इस बार धुंध इतनी घनी थी कि नाविक को भी अपने घाट का पता नहीं चला. नाव में सवार 15 से 20 शिक्षक करीब 2 घंटे तक नदी में भटकते रहे. इस दौरान उनमें भय और दहशत बनी रही. अंततः जब मौसम साफ हुआ और रोशनी बढ़ी, तब नाव किनारे पर पहुंची।
क्या है घटनाः इस घटना का एक वीडियो भी शिक्षकों ने बनाया है. यह घटना नोहट्टा प्रखंड के पूर्वी कोशी तटबंध के ई-टू घाट की है. यहां से मध्यविद्यालय परताहा, बरहरा के लिए डेढ़ दर्जन से अधिक शिक्षक एक नाव पर सवार होकर सुबह 7 बजे विद्यालय के लिए निकले. तकरीबन 2 घण्टे तक नाव नदी को किनारा ही नहीं मिला. जबकि, नाव से नदी पार करने में तकरीबन 45 मिनट का समय लगता है. समय अधिक बीतने पर शिक्षकों को रास्ता भटकने का अहसास हुआ।
शिक्षकों में दहशतः नाव पर सवार प्रभारी प्रधानाध्यापक मुस्ताक अहमद सिद्दिकी ने बताया कि वे लोग स्कूल के लिए निकले थे. असय घाट पर इतना कोहरा था कि नाविक नाव को लेकर कई किलोमीटर आगे चले गया. हमलोग बीच नदी में कई घण्टे तक फंसे रहे. जब थोड़ा सा उजाला हुआ तो फिर नाविक जहां से ले गया था वहां पहुंचा दिया. इस दौरान हमलोग काफी डर गए थे. स्कूल पहुंचने में भी देरी हो गयी. नाव पर महिला शिक्षक भी सवार थी.
“इतना कोहरा था कि नाविक नाव को लेकर कई किलोमीटर आगे चले गया. जब थोड़ा सा उजाला हुआ तो फिर नाविक पहुंचाया. हमलोग काफी डर गए थे. काफी भयभीत हो गए थे.हमलोग करीब 15 टीचर नाव पर सवार थे.”- मुस्ताक अहमद सिद्दिकी, प्रभारी प्रधानाध्यापक