बिहार की राजधानी पटना स्थित ऐतिहासिक दरभंगा हाउस, जिला समाहरणालय का नवनिर्मित परिसर और ‘सभ्यता द्वार’ गंगा के किनारे स्थित उन कई सार्वजनिक भवनों में शामिल हैं, जिन्हें छठ पर्व से पहले नीले रंग की रोशनी से सजाया गया है। पटना जिला प्रशासन के ‘गो ब्लू’ अभियान के तहत इन इमारतों पर रात्रिकालीन प्रकाश की व्यवस्था की गई है, जिनमें से कुछ शहर के लोकप्रिय पुराने घाटों जैसे कलेक्ट्रेट घाट और काली घाट के सामने स्थित हैं।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘‘हाल ही में हमने गंगा के घाटों के किनारे स्थित भवन मालिकों और निजी संस्थाओं से सार्वजनिक अपील की है कि वे भी अपनी इमारतों को नीले रंग की रोशनी से रोशन करें, जो हर साल छठ पर्व के अवसर पर बिहार दिवस समारोह के दौरान मनाया जाता है।” बिहार में महापर्व के रूप में मनाया जाने वाला चार दिवसीय छठ पर्व इस साल 5 से 8 नवंबर तक मनाया जाएगा।
सात नवंबर को व्रती अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देंगे और अगले दिन उगते सूर्य को अर्घ्य देंगे। रविवार को अंधेरा होने के बाद, 120 साल से भी अधिक पुराना दरभंगा हाउस नीली रोशनी से जगमग नजर आया। तत्कालीन दरभंगा राजघराने द्वारा निर्मित इस महल में वर्तमान में पटना विश्वविद्यालय का पीजी विभाग स्थित है।
अपनी प्रतिष्ठित वास्तुकला और सौंदर्यपूर्ण भव्यता के लिए मशहूर यह आलीशान इमारत नदी के किनारे काली घाट के सामने स्थित है, जहां छठ उत्सव के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। इमारत में एक पुराना काली मंदिर भी है। जिला समाहरणालय के नवनिर्मित परिसर का छठ पूजा के तुरंत बाद उद्घाटन किए जाने की उम्मीद है। इस नए भव्य इमारत को नीली रोशनी से सजाया गया है और नदी के किनारे बने ‘गंगा ड्राइव’ का उपयोग करने वाले यात्री रोशनी की झलक पा सकते हैं। इसकी छत पर लगा एक विशाल बोर्ड ‘समाहरणालय पटना’ रात में जीवंत लाल रंग में चमकता है, जो इसकी आभा को और बढ़ा देता है।