वाशिंगटन: अमेरिका के दो सांसदों ने पिछले सप्ताह डलास में ‘इंडियन ओवरसीज कांग्रेस’ के सदस्यों द्वारा एक भारतीय पत्रकार के साथ कथित मारपीट की घटना की निंदा की और कहा कि उसकी रिकॉर्डिंग मिटाना ‘प्रथम संशोधन’ का उल्लंघन है। यह देश में प्रेस की स्वतंत्रता से जुड़ा कानून है। भारत और भारतीय अमेरिकियों पर ‘कांग्रेसनल इंडिया कॉकस’ के सह-अध्यक्ष एवं सांसद रो खन्ना ने कहा, ‘‘ मैं इंडिया टुडे समूह के रिपोर्टर रोहित शर्मा के साथ हूं और ‘प्रथम संशोधन’ के प्रति अडिग हूं।” खन्ना ने कहा, ‘‘वह निष्पक्ष पत्रकार हैं। उनका फोन छीना जाना, उन्हें धक्का देना और उनकी रिकॉर्डिंग मिटाना अनैतिक और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ विश्वासघात है।”
अमेरिकी सांसद श्री थानेदार ने भी घटना की निंदा की और कहा कि इस प्रकार का हमला ‘‘पूरी तरह अस्वीकार्य” है। उन्होंने कहा, ‘‘ सुरक्षा कर्मचारियों को यह अवश्य पता होना चाहिए कि अमेरिका में काम करने वाले पत्रकारों को ‘प्रथम संशोधन’ के तहत संरक्षण प्राप्त है चाहे वह किसी भी देश का हो।” थानेदार ने कहा कि शर्मा ने कांग्रेस नेता सैम पित्रोदा के साथ ‘‘ऑन-द-रिकॉर्ड साक्षात्कार” किया था और साक्षात्कार की विषयवस्तु या अवधि को नियंत्रित करने में सुरक्षा टीम की कोई भूमिका नहीं होती। नेशनल प्रेस क्लब की अध्यक्ष एमिली विल्किंस ने कहा, ‘‘ उनके पास शर्मा का फोन छीनने या सामग्री को हटाने का कोई अधिकार नहीं है।”
क्या है मामला ?
यह घटना तब हुई जब अमेरिका में रोहित शर्मा ने सैम पित्रोदा का इंटरव्यू लिया, जिसमें उन्होंने राहुल गांधी के अमेरिका दौरे पर बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हुई हिंसा पर सवाल उठाया। इस सवाल से वहां मौजूद कांग्रेस के कार्यकर्ता भड़क गए, जिसके बाद पत्रकार का फोन छीन लिया गया और इंटरव्यू डिलीट करवा दिया गया। हालांकि अमेरिका में भारतीय पत्रकार के साथ हुई बदसलूकी और कथित मारपीट के मामले पर इंडियन ओवरसीज कांग्रेस के अध्यक्ष सैम पित्रोदा ने माफी मांग ली है। रोहित शर्मा के अनुसार, सैम पित्रोदा ने उन्हें फोन कर घटना पर निराशा जताई और व्यक्तिगत रूप से माफी मांगी।
उन्होंने पत्रकारों पर हमले को अस्वीकार्य बताते हुए मामले की जांच का आश्वासन भी दिया। हाल ही में, राहुल गांधी के अमेरिकी दौरे से पहले इंडिया टुडे के पत्रकार रोहित शर्मा के साथ यह घटना घटी थी। पत्रकार का दावा है कि बांग्लादेश से जुड़े एक सवाल पूछने पर राहुल गांधी की टीम ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया, उनका मोबाइल फोन जबरन छीन लिया और इंटरव्यू की रिकॉर्डिंग डिलीट करवा दी। इस घटना ने कांग्रेस और उसके कार्यकर्ताओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं, और सैम पित्रोदा की माफी के बावजूद यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।