अंचलाधिकारी के दाखिल खारिज में ‘खेल’ करने के मामले का हुआ खुलासा, एसडीओ ने किया शो कॉज, सीआई पर की कार्रवाई की अनुशंसा
बिहार में राजस्व अधिकारियों से लेकर राजस्व कर्मचारियों के कन्धों पर सरकार ने बड़ी जिम्मेवारी दे रखी है। भूमि सर्वेक्षण के ऐलान के बाद से खास तौर पर कई सरकारी लक्ष्य साधने में इनकी भूमिका अहम् हो गयी है। लेकिन इधर लगातार राजस्व अधिकारियों पर सरकार के द्वारा सख्त कार्रवाई भी की जा रही है। एक तरफ जहाँ कई सीओ सीधे तौर पर घुस लेते हुए निगरानी के हत्थे चढ़ चुके हैं तो राजस्व कर्मचारियों के द्वारा किये जा रहे भ्रष्टाचार के मामले सामने आ रहे हैं। सरकार व राजस्व विभाग के सख्ती के बाद भी अंचल अधिकारी से लेकर हल्का कर्मचारी अपनी कारनामे में करने से बाज नही आ रहे है।
कही सीओ मोटी रकम लेकर सरकारी जमीन का दाखिल खारिज कर दे रहे है तो कही सफेदपोश भूमाफियाओं के मेल में आकर सरकारी जमीन से बिना अतिक्रमण हटे अतिक्रमण वाद को समाप्त कर दे रहे है। कही बिना जमाबंदी पर खाता खेसरा रकबा अंकित रहते हुए भी एलपीसी बनाने से परहेज नही कर रहे है। ताजा मामला मोतिहारी जिला के संग्रामपुर अंचल का बताया जा रहा है। जहां सरकार के निर्देश पर संग्रामपुर अंचल की जांच करने पहुंचे अरेराज एसडीओ अंचल का खेल देखकर भौचक रह गए। अंचल कार्यालय में विभाग के नियम को ताक पर रखकर एक वर्ष से अधिक से दर्जनों दाखिल खारिज के मामले बिना किसी ठोस कारण के लंबित रखकर आम लोगो को परेशान किया जा रहा था। एसडीओ के जांच में अंचल कार्यालय में भारी अनियमितता पायी गयी। अनियमितता को अरेराज एसडीओ संग्रामपुर सीओ की भूमिका संदिग्ध पाते हुए स्पष्टीकरण की मांग किया।
वही सीआई सह हल्का कर्मचारी के निलंबन की कार्रवाई की अनुशंसा करते हुए प्रतिवेदन भेजा गया है। एसडीओ ने बताया कि आम लोगों को दाखिल खारिज व परिमार्जन में कोई परेशानी नही हो। इसके लेकर विभाग के निर्देश पर संग्रामपुर अंचल कार्यालय के पंजी का जांच किया गया। जांच में बिना किसी ठोस आधार के एक वर्ष से अधिक से दर्जनों दाखिल खारिज वाद को लंबित रखा गया था। लंबित वाद में सबसे पुराना मामला नवम्बर 2023 का है। वही मधुबनी पंचायत हल्का कर्मचारी संजय कुमार 3 हल्का कर्मचारी व राजस्व अधिकारी के चार्ज में है। निरीक्षण में कई मामले अब्जेकटेक्टेड केस के श्रेणी में रखकर आमलोगों को परेशान किया जा रहा है। हल्का कर्मचारी के दाखिल खारिज के अनुशंसा के बाद भी आरओ द्वारा वाद को अधर में लटका कर रखा गया पाया गया। वही सरकारी जमीन की दाखिल खारिज रद्द करने की हल्का कर्मचारी की रिपोर्ट के बाद भी अधिकारी द्वारा महीनों से पेंडिंग रखकर पुनः रिपोर्ट देने का निर्देश देना कई सवालों के घेरे में है। अंचल के कार्यो में भारी अनियमितता में संग्रामपुर सीओ की भूमिका संदेह के घेरे में है। जिसको लेकर सीओ से स्पष्टीकरण की मांग किया गया है। वही राजस्व अधिकारी सह हल्का कर्मचारी संजय कुमार की निलंबन की अनुशंसा करते हुए करवाई के लिए डीएम को प्रतिवेदन भेजा गया।
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