Bihar

BPSC परीक्षा में धांधली का मामला पटना हाई कोर्ट पहुंचा, सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से किया था इनकार

बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा में व्यापक अनियमितताओं के आरोपों के मद्देनजर, परीक्षार्थी पप्पू कुमार एवं अन्य ने पटना उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की है। याचिका में 13 दिसंबर को आयोजित इस परीक्षा को रद्द कर नए सिरे से आयोजित करने की मांग की गई है। अभ्यर्थियों का आरोप है कि परीक्षा में बड़े पैमाने पर धांधली हुई है।

दरअसल, 70वीं बीपीएससी परीक्षा को लेकर अभ्यर्थियों का एक गुट पिछले कई दिनों से आंदोलन कर रहा है। अभ्यर्थी परीक्षा में धांधली का आरोप लगा रहे हैं और पूरी परीक्षा को रद्द कर फिर से परीक्षा आयोजित करने की मांग कर रहे हैं। सरकार की तरफ से पहल नहीं होता देख अभ्यर्थियों ने पटना हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और परीक्षा को रद्द कर फिर से आयोजित करने की मांग की है।

पप्पू कुमाप व अन्य की तरफ से पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर की गई है और 13 दिसंबर को हुई पूरी परीक्षा को रद्द करने की मांग की गई है। परीक्षा में भारी गड़बड़ी के आरोप याचिकाकर्ताओं के द्वारा लगाए गए हैं। इससे पहले यह मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा था, जहां कोर्ट ने मामले पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया था और याचिकाकर्ताओं को हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर अपनी बात को रखने के लिए कहा था।

बता दें कि बीते 7 जनवरी को 70वीं BPSC प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी। CJI संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने इस मामले पर सुनवाई की थी। इस याचिका में प्रदर्शनकारी छात्रों पर किए गए लाठीचार्ज के लिए जिम्मेदार जिले के SP और DM के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की की गई थी। याचिका में व्यापक धांधली का भी आरोप लगाया गया था और इसकी जांच सुप्रीम के रिटायर जज की अध्यक्षता में सीबीआई से कराए जाने की मांग की गई थी। आनंद लीगल एड फोरम ट्रस्ट की ओर से यह याचिका दायर की गई थी।

BPSC प्रिलिम्स परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को पहले पटना हाईकोर्ट जाने की सलाह दी था। CJI संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने सुनवाई से इनकार किया था। CJI ने याचिकाकर्ता के वकील से कहा था कि हम आपकी भावनाओं को समझते हैं। पहले आपको हाई कोर्ट जाना चाहिए था उसके बाद सुप्रीम कोर्ट का रुख करना चाहिए था। आप सीधे सुप्रीम कोर्ट नहीं आ सकते हैं।


Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Submit your Opinion

Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading