केंद्र ने राज्यों से वंचित श्रमिकों को PMAY में शामिल करने कहा, जीवनयापन में होगी आसानी

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TOPSHOT - Migrant workers wait to board buses to reach their hometowns after the government eased a nationwide lockdown as a preventive measure against the COVID-19 coronavirus, in Allahabad on May 14, 2020. - Narendra Modi's grand announcement of a $265-billion rescue package for India is little comfort to Manish Verma, one of millions left destitute and desperate 50 days into a crippling coronavirus lockdown. (Photo by SANJAY KANOJIA / AFP) / To go with 'INDIA-HEALTH-VIRUS-ECONOMY' by Abhaya Srivastava (Photo by SANJAY KANOJIA/AFP via Getty Images)

भारत सरकार ने वंचित श्रमिकों को आवास योजना में शामिल करने पर जोर दिया है। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा सभी राज्य सरकारों को एक पत्र जारी किया गया है, जिसमें प्रवासी श्रमिकों, भवन निर्माण श्रमिकों, बीड़ी श्रमिकों, सिनेमा श्रमिकों, गैर-कोयला खदान श्रमिकों, संविदा श्रमिकों और असंगठित क्षेत्र के अन्य श्रमिकों को आवास योजना के तहत शामिल करने का आग्रह किया गया है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत श्रमिकों को शामिल करने से सामाजिक न्याय सुनिश्चित होगा और जीवनयापन में आसानी को बढ़ावा मिलेगा।

दरअसल देश भर में वंचित श्रमिकों के कल्याण को सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने वंचित श्रमिकों को प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) का लाभ देने की पहल की है। श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने सभी राज्य सरकारों को एक पत्र जारी किया है, जिसमें प्रवासी श्रमिकों, भवन निर्माण श्रमिकों, बीड़ी श्रमिकों, सिनेमा श्रमिकों, गैर-कोयला खदान श्रमिकों, संविदा श्रमिकों और असंगठित क्षेत्र के अन्य श्रमिकों को आवास योजना के तहत शामिल करने का आग्रह किया गया है।

श्रम और रोजगार मंत्रालय ने बताया कि यह निर्णय केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा पीएमएवाई के कार्यान्वयन को वित्त वर्ष 2024-25 से 2028-29 तक अतिरिक्त पांच वर्षों के लिए बढ़ाने की मंजूरी के बाद लिया गया है, जिसका उद्देश्य पात्र लाभार्थियों को 2 करोड़ अतिरिक्त घर उपलब्ध कराना है। यह पहल आर्थिक रूप से कमजोर श्रमिकों की आवास आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए है।

ये श्रमिक समाज के वंचित वर्ग का प्रतिनिधित्व करते हैं और पीएमएवाई के तहत उनका कवरेज सुनिश्चित करना न केवल सामाजिक न्याय से संबंधित है, बल्कि उनके जीवनयापन की स्थितियों में सुधार की दिशा में एक आवश्यक कदम भी है। इसके अलावा भवन एवं निर्माण तथा प्रवासी श्रमिकों के लिए 21 अगस्त 2024 को शुरू किया गया प्रबंधन सूचना प्रणाली (एमआईएस) पोर्टल अब पूरी तरह से संचालन में है। इस पोर्टल को विभिन्न केंद्रीय और राज्य सामाजिक सुरक्षा योजनाओं, जैसे बीमा, स्वास्थ्य लाभ और आवास योजनाओं के तहत निधि उपयोग और श्रमिकों के कवरेज की जानकारी सहित डेटा के संग्रह और विश्लेषण की सुविधा के लिए डिज़ाइन किया गया है।

इन वंचित श्रमिकों के उत्थान की दिशा में ठोस प्रयास के महत्व को दोहराते हुए, मंत्रालय ने विभिन्न राज्यों में पदस्थापित कल्याण आयुक्तों को इन पहलों के सफल कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर काम करने का निर्देश दिया है।

Kumar Aditya: Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.