नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा कि हमने 𝟏𝟕 महीनों के अल्प कार्यकाल में देश में प्रथम बार बिहार में जातिगत आधारित गणनाा और उसके आंकड़े प्रकाशित कराने के साथ-साथ जातिगत गणना के अनुसार आरक्षण का दायरा बढ़ाकर 𝟕𝟓% किया।
बीजेपी ने आरक्षण में अड़ंगा लगाया: तेजस्वी ने लिखा कि भारतीय जनता पार्टी और एनडीए के लोगों ने दलितों/पिछड़ों और आदिवासियों के लिए आरक्षित 𝟔𝟓% आरक्षण सीमा को रुकवा दिया. एनडीए की केंद्र और राज्य सरकार आरक्षण विरोधी है, इसलिए बिहार में हमारी सरकार द्वारा दिए गए 𝟔𝟓% आरक्षण को संविधान की 𝟗वीं अनुसूची में शामिल नहीं कर रही है।
5 लाख युवाओं को नौकरी दी: पूर्व उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने लिखा कि सभी वर्गों को सामाजिक के साथ-साथ आर्थिक न्याय मिलें, उनका आर्थिक उत्थान हो इसके लिए हम निरंतर प्रयासरत रहते हैं. यही वजह है कि अपने 𝟏𝟕 महीने के कार्यकाल में हमने अपनी इच्छाशक्ति के बल पर 𝟓 लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी दी. 𝟑 लाख से अधिक नौकरियां प्रक्रियाधीन करायी, अन्यथा इन्हीं मुख्यमंत्री और एनडीए सरकार ने 𝟏𝟕 सालों में इतनी नौकरियां क्यों नहीं दी? जातिगत गणना क्यों नहीं कराई? आरक्षण का दायरा क्यों नहीं बढ़ाया? आपके समर्थन, सहयोग और आशीर्वाद के साथ हम सब मिलकर बिहारवासियों की उन्नति, प्रगति और उत्थान के लिए सदैव संघर्षरत रहेंगे।