बौद्ध देशों के पर्यटक अपने देश के भीतर स्वयं की मातृ भाषा में भारतीय बौद्ध सर्किट के तीर्थ स्थलों को जान समझ सकेंगे। अब तक पर्यटक अंग्रेजी भाषा में ही बौद्ध तीर्थस्थलों के संबंध में जानकारी पाते थे। केंद्र और राज्य का पर्यटन विभाग बौद्ध देशों में सक्रिय हो गया है। सरकार की इस योजना से बौद्ध सर्किट में विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ने की उम्मीद है।
लोगों को बौद्ध सर्किट का दौरा कराना शुरू कर दिया
इसके लिए देश और प्रदेश सरकार ने बौद्ध देशों के कलाकारों, मीडिया, टूर ट्रैवल्स आपरेटरों को भारत आमंत्रित कर बौद्ध सर्किट का दौरा कराना शुरू कर दिया है। उल्लेखनीय है, 6 सितंबर को बतौर अतिथि वियतनाम की मीडिया और टूर ट्रैवल्स आपरेटर के संयुक्त दल ने कुशीनगर का दौरा किया था। इस क्रम में शुक्रवार को कोरियाई कलाकारों के दल ने कुशीनगर का दौरा पूरा कर सारनाथ के लिए रवाना हुआ। विदेशी पर्यटन कारोबारी, मीडियाकर्मी, कलाकार अपनी मातृ भाषा में वीडियो, फोटो, दृश्य आदि प्रमुख मीडिया वेबसाइट और सोशल मीडिया साइट तथा चैनल आदि पर अपलोड करेंगे तो पर्यटकों का आकर्षण बढ़ेगा और भारतीय बौद्ध सर्किट में उनकी संख्या बढ़ेगी।
कोविड 19 के दौर के बाद बौद्ध सर्किट में विदेशी पर्यटकों की संख्या में कमी आई
दरअसल कोविड 19 के दौर के बाद बौद्ध सर्किट में विदेशी पर्यटकों की संख्या में कमी आई है। विशेषकर मंदी के चलते जापान के पर्यटकों की संख्या आंशिक और राजनयिक कारणों से चीन के पर्यटकों की संख्या शून्य हो गई है। ऐसे में बौद्ध सर्किट का पर्यटन थाइलैंड, वियतनाम, ताइवान, श्रीलंका, मलेशिया, सिंगापुर, म्यांमार, लाओस और भूटान के पर्यटकों पर केंद्रित हो गया है। सरकार नवीन नीति के माध्यम से इन देशों के पर्यटकों को भगवान बुद्ध की शिक्षाओं के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने में मदद कर रही है और बुद्ध के जीवनकाल के दौरान उनके पदचिह्नों से अवगत कराकर उन्हें आकर्षित कर रही है।
बौद्ध सर्किट में विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ाने के लिए हो रहे हैं प्रयास
सरकार नवीन नीति के माध्यम से इन देशों के पर्यटकों को भगवान बुद्ध की शिक्षाओं के बारे में जानकारी उपलब्ध कराने में मदद कर रही है और बुद्ध के जीवनकाल के दौरान उनके पदचिह्नों से अवगत कराकर उन्हें आकर्षित कर रही है। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी रविंद्र कुमार ने बताया कि बौद्ध सर्किट में विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़े, इस दिशा में प्रदेश और केंद्र की सरकार बौद्ध देशों के भीतर अनेक योजनाओं पर कार्य कर रही हैं। वियतनामी और कोरियाई दलों का आना इसी योजना के तहत हुआ है।