मोतिहारी के रक्सौल नगर परिषद में बड़े खेल का खुलासा हुआ है. बोर्ड के स्वीकृति के बिना ही 6.63 करोड़ की सामग्री की खरीद कर सरकारी राशि का बंदरबाट किया गया है. इतना ही नहीं, नियमों को ताक पर रखकर समूह ग व घ के कर्मियों की बहाली की गई। उप मुख्य पार्षद ने नगर परिषद रक्सौल में हो रहे भ्रष्टाचार की पोल खोली तो डीएम ने जांच कराई तो पूरे खेल का खुलासा हो गया. डीएम की जांच में भ्रष्टाचार का मामला सत्य पाए जाने पर कार्रवाई को लेकर नगर विकास विभाग को पत्र लिखा गया. रक्सौल नगर परिषद के मुख्य पार्षद के खिलाफ कार्रवाई से पहले विभाग ने शो-कॉज पूछा है. जवाब नहीं देने पर नगर विकास विभाग एकतरफा कार्रवाई करेगा.
रक्सौल नगर परिषद के सभापति धुरपति देवी पर लगे वित्तीय अनियमितता व अवैध बहाली के आरोप के बाद उनकी कुर्सी पर संकट गहराता जा रहा है. सभापति पर आरोप है कि उन्होने पद का दुरुपयोग करते हुए समूह ग (लिपकीय संवर्ग) समूह घ (चतुर्थ वर्गीय) में अवैध बहाली की है. साथ ही बोर्ड बैठक में स्वीकृति के बिना 6 करोड़ 63 लाख 99 हजार 500 रु के उपकरण की खरीद की है.इन आरोपों के बाद नगर विकास विभाग की तरफ से दो सप्ताह के अंदर स्पष्टीकरण की मांग की गई है.
बता दें, कुछ दिन पूर्व उपमुख्य पार्षद समेत दर्जनों पार्षदों ने मोतिहारी डीएम सौरभ जोरवाल को आवेदन देकर रक्सौल नगरपरिषद सभापति धुरपति देवी पर पद का दुरुपयोग कर समूह ग (लिपकीय संवर्ग) समूह घ (चतुर्थ वर्गीय) में अवैध बहाली व बोर्ड बैठक में स्वीकृति के बिना ही बाजार भाव से महंगे मूल्य पर 6 करोड़ 63 लाख 99 हजार 500 रुपए के उपकरण की खरीदने का गंभीर आरोप लगाया था. जिसके बाद डीएम सौरभ जोरवाल के निर्देश पर वरीय एडीएम की अध्यक्षता में एक जांच कमेटी का गठन किया गया था.
जांच कमिटी ने विभाग के दिशा निर्देश व आरोपो की गहनता से जांच कर डीएम को रिपोर्ट सौंप दिया. मिली जानकारी के अनुसार जांच में आरोप की पुष्टि होने के बाद डीएम ने इस मामले में अग्रतर कार्रवाई के लिए जांच प्रदिवेदन नगर विकास विभाग को भेज दिया. विभाग के अवर सचिव राजेश्वर राज ने रक्सौल नगर परिषद के सभापति धुरपति देवी से दो सप्ताह के अंदर चार बिंदुओ पर स्पष्टीकरण की मांग की है।