इस राज्य के मुख्यमंत्री ने बताया कब होगा मंत्रिमंडल का विस्तार, ये MLA बन सकते हैं मंत्री; जानें नाम

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छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री की शपथ ग्रहण के बाद अब जल्द ही विष्णुदेव साय मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मंत्रिमंडल के गठन पर चर्चा के बाद वापस रायपुर लौट गए हैं। दिल्ली से रायपुर पहुंचने के बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि शीघ्र मंत्रीमंडल का गठन किया जाएगा। नए पुराने सभी चेहरों को शामिल किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों से इसी वर्ष से 21 क्विंटल धान खरीदे जाएंगे और 31 सौ रुपए दिए जाएंगे। पीएम मोदी की गारंटी को पूरा करेंगे।

बीजेपी अपना वादा पूरा करेगी

मंत्रिमंडल में नए चेहरों को शामिल करने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने ने कहा, ‘‘नए चेहरे और पुराने चेहरे सब मिला-जुलाकर मंत्रिमंडल बनाया जाएगा। मंत्रिमंडल के गठन के लिए थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा, लेकिन जल्द हो जाएगा।’’ धान खरीद प्रक्रिया जारी होने के दौरान प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदने के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वादे के बारे में पूछे जाने पर साय ने कहा, ‘‘हमने ‘मोदी की गारंटी’ (चुनावी घोषणा पत्र का हवाला देते हुए) में जो वादा किया है, उसे पूरा किया जाएगा। वादे के मुताबिक धान की खरीदी होगी तथा भुगतान होगा।

ये विधायक बन सकते हैं मंत्री

छत्तीसगढ़ में 90 सदस्यीय विधानसभा के हिसाब से मुख्यमंत्री सहित अधिकतम 13 मंत्री हो सकते हैं। ऐसे में 10 और सदस्यों को मंत्रिमंडल में शामिल किया जा सकता है। साय मंत्रिमंडल में पुराने चेहरों में बृजमोहन अग्रवाल और अमर अग्रवाल (दोनों सामान्य वर्ग से), धरमलाल कौशिक और अजय चंद्राकर (ओबीसी), केदार कश्यप और विक्रम उसेंडी (अनुसूचित जनजाति), दयालदास बघेल (अनुसूचित जाति) और राजेश मूणत (जैन समुदाय) को शामिल किए जाने की संभावना है।

मंत्री बनने की रेस में इन विधायकों का नाम भी आगे

इन नेताओं में धरमलाल कौशिक को छोड़कर अन्य लोग राज्य की पिछली भाजपा सरकारों में मंत्री रह चुके हैं। कौशिक विधानसभा अध्यक्ष रह चुके हैं। राजनीतिक जानकारों के मुताबिक संभावित नए चेहरों के रूप में भारतीय प्रशासनिक (आईएएस) अधिकारी से नेता बने ओपी चौधरी, गजेंद्र यादव (दोनों अन्य पिछड़ा वर्ग) और डोमनलाल कोर्सेवाड़ा (एससी) के नामों की चर्चा है। वहीं महिला नेताओं में पूर्व केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह, पूर्व सांसद गोमती साय और पूर्व मंत्री लता उसेंडी के नाम की भी चर्चा है। ये तीनों आदिवासी समुदाय से हैं।

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