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सनातन की दिव्यता से देवाधिदेव महादेव की नगरी काशी हुई प्रकाशमान

ByKumar Aditya

नवम्बर 16, 2024
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देव दीपावली के पावन अवसर पर काशी के घाटों पर दीपों की अविरल शृंखला ने पूरी दुनिया को आकर्षित कर दिया। क्षितिज में भगवान सूर्य जैसे ही अस्ताचल हुए, संपूर्ण विश्व के नाथ बाबा विश्वेश्वर की नगरी काशी दीपों की रोशनी से नहा उठी।

उत्तरवाहिनी गंगा के तट पर श्रृंखलाबद्ध दीपों ने अद्वितीय अलौकिक दृश्य प्रस्तुत किया। देव दीपावली का पहला दीप नमो घाट पर उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रज्वलित किया। इस दौरान नमो घाट पर भव्य आतिशबाजी भी हुई।

इसके बाद उपराष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री सहित अन्य मेहमानों ने क्रूज पर सवार होकर मां गंगा की महाआरती के दर्शन किए। नौका विहार करते समय पर्यटक भी खुशी से झूम उठे और ‘हर-हर महादेव’ एवं ‘जय श्रीराम’ के उद्घोष से उनका स्वागत किया। उपराष्ट्रपति और मुख्यमंत्री समेत क्रूज़ पर सवार सभी गणमान्य लोगों ने हाथ हिलाकर और हाथ जोड़कर पर्यटकों का अभिवादन स्वीकार किया।

वहीं, चेत सिंह घाट पर 3डी प्रोजेक्शन मैपिंग, लेजर शो और गंगा पार रेत पर आतिशबाजी के भव्य दृश्य ने उपस्थित लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। सभी घाटों पर शंखनाद, घंट-घड़ियालों की ध्वनि में भव्य महाआरती काशी की धरती पर देवताओं का स्वागत करती दिखीं।

काशी में इस बार की देव दीपावली अद्भुत नजारों से भरी रही। गंगा के घाटों पर लाखों दीपों की रोशनी ने आस्था और भक्ति का अनुपम संगम प्रस्तुत किया। विशेष आकर्षण का केंद्र बना पांडेय घाट, जहां मुख्यमंत्री योगी का प्रसिद्ध नारा ‘बंटोगे तो कटोगे’ 51 हजार दीपों से उकेरा गया। पांडेय घाट पर जलाए गए इन दीपों ने लोगों का ध्यान खींचा और चर्चा का विषय बन गया। लोगों ने इस कला के माध्यम से मुख्यमंत्री के संदेश की प्रशंसा की। वहीं, घाटों पर उमड़े श्रद्धालुओं ने इस अद्भुत दृश्य को कैमरों में कैद कर अपने अनुभव साझा किए।

दशाश्वमेध घाट पर आयोजित महाआरती में धर्म के साथ-साथ राष्ट्रवाद का संदेश भी दिया गया। अमर जवान ज्योति की अनुकृति पर वीर जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस वर्ष महाआरती कारगिल युद्ध के शहीदों को समर्पित रही और ‘भगीरथ शौर्य सम्मान’ के तहत वीर योद्धाओं को सम्मानित किया गया।

इस मौके पर 21 अर्चक और 42 देव कन्याओं ने रिद्धि-सिद्धि के रूप में दशाश्वमेध घाट पर महाआरती की। शहर के छह प्रमुख स्थानों पर लगी एलईडी स्क्रीन पर दशाश्वमेध घाट की देव दीपावली की महाआरती का सजीव प्रसारण किया गया।

पर्यटकों के लिए इस बार काशी के चेत सिंह घाट पर 3डी प्रोजेक्शन मैपिंग शो का आयोजन किया गया, जिसमें काशी का धार्मिक इतिहास और गंगा अवतरण की कथा प्रस्तुत की गई। श्री काशी विश्वनाथ धाम के सामने गंगा पार रेत पर ग्रीन क्रैकर्स शो ने लोगों का दिल जीत लिया। घाटों और मंदिरों को आकर्षक विद्युत सजावट और तिरंगे के रंग में रंगे स्पाइरल झालरों से सजाया गया था।

इस वर्ष देव दीपावली पर 17 लाख दीप प्रज्वलित किए गए, जिसमें 12 लाख दीप योगी सरकार द्वारा दिए गए। तीन लाख दीप गाय के गोबर से बने थे। दीपों की अटूट श्रृंखला में जन सहभागिता की आहुति से कुल 21 लाख से अधिक दीपों ने देवताओं का स्वागत किया। काशी के घाटों, कुंडों, तालाबों और देवालयों के साथ गंगा पार भी दीपों की अविरल श्रृंखला ने आकाशगंगा जैसी छटा बिखेरी। गंगा-गोमती तट, मार्कण्डेय महादेव और वरुणा नदी के तटों पर भी लाखों दीप जलाए गए। देव दीपावली पर काशी के सभी मंदिरों, घाटों पर फसाड लाइट, सड़क के विद्युत खंभों को भी आकर्षक स्पाइरल झालरों से सजाया गया।

देव दीपावली के अवसर पर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना की गई और धाम परिसर को फूलों से सजाया गया। बाबा के आंगन में दीपों की रोशनी ने इस स्थान को और भी दिव्य बना दिया।

देव दीपावली के मौके पर वाराणसी को ‘नो फ्लाई जोन’ घोषित किया गया था। सुरक्षा की दृष्टि से घाटों पर कड़ी निगरानी रखी गई। ड्रोन उड़ाने पर प्रतिबंध था और सादे कपड़ों में महिला पुलिस और एंटी रोमियो स्क्वाड तैनात थे। गंगा में नाव संचालन के लिए दिशाओं के आधार पर लेन निर्धारित की गई, नाविकों को सुरक्षा के सख्त निर्देश दिए गए थे। एनडीआरएफ और जल पुलिस ने वाटर एम्बुलेंस और चिकित्सकीय उपकरणों के साथ तैनाती की थी। घाटों, नदी और सड़क पर सुरक्षा, यातायात व्यवस्था, पार्किंग, इमर्जेंसी प्रबंधन, क्यूआरटी टीम, इंट्री एंड एग्जिट को लेकर पूरी तैयारी का खाका पहले ही तैयार किया गया था।

वाराणसी में शुक्रवार को मनाई गई देव दीपावली सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लगातार ट्रेंड करती रही। हैशटैग देवदीपावली2024 के जरिए यूजर्स ने अपने अनुभव साझा किए, जिससे यह उत्सव पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित करने में सफल रहा। मोदी-योगी सरकार में काशी की देव दीपावली अब लोकल से ग्लोबल बन गई है। वाराणसी के 84 घाटों पर 17 लाख से अधिक दीये जलाए गए और भव्य आतिशबाजी ने रात में भी आसमान को रौशन कर दिया, जिसे लोगों ने सोशल मीडिया पर खूब साझा किया।


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