देश राष्ट्र आज पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी को उनकी पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है। नई दिल्ली में अटल बिहारी वाजपेयी की समाधि सदैव अटल पर प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया है।
“सदैव अटल” पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री ने दी श्रद्धांजलि
आज उनकी पुण्यतिथि पर कृतज्ञ राष्ट्र ने उन्हें याद किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, पीएम मोदी, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने दिवंगत नेता के स्मारक ‘सदैव अटल’ पर पहुंचकर पुष्पांजलि अर्पित की।
3 बार देश के प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी
अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार देश के प्रधानमंत्री रहे हैं। उन्हें देश का सर्वोच्च सम्मान ‘भारत रत्न’ दिया गया था। अपने लंबे राजनीतिक जीवन के अलावा वो अपनी कविताओं, हंसमुख मिजाज और अलग अंदाज के लिए भी लोकप्रिय रहे हैं। यहां तक कि कई विपक्षी दलों के नेता भी उन्हें बेहद पसंद करते थे। दरअसल, अटल बिहारी एक ऐसे नेता थे, जिन्हें हर राजनीतिक दल स्वीकार करता था।
कब लिया राजनीति से संन्यास ?
अटल बिहारी वाजपेयी तीन बार प्रधानमंत्री, दो बार राज्यसभा सदस्य तथा 10 बार लोकसभा सदस्य रहें। वे देश के सर्वाधिक लोकप्रिय प्रधानमंत्रियों में से एक थे। अटल बिहारी वाजपेयी ने 2005 में ही सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लिया था। प्रखर वक्ता रहे अटल बिहारी वाजपेयी ने भारतीय राजनीति में अपने व्यक्तित्व और कृतित्व की अमिट छाप छोड़ी, जिसने भारतीय राजनीति को हमेशा के लिए बदलकर रख दिया। इनमें भारत को परमाणु शक्ति सम्पन्न बनाना, पाकिस्तान से संबंध सुधारने की कोशिश में बस डिप्लोमेसी, कारगिल युद्ध में पाकिस्तान को धूल चटाना, स्वर्णिम चतुर्भुज योजना के साथ-साथ कई दूसरी उपलब्धियां शामिल हैं।
भाजपा के रहे पहले अध्यक्ष
भारतीय जनसंघ के संस्थापकों में शामिल अटल बिहारी वाजपेयी 1968-1973 तक इसके अध्यक्ष रहे। भारतीय जनता पार्टी के पहले अध्यक्ष रहे अटल जी की देशभर में उनकी लोकप्रियता का ही नतीजा था कि वे चार दशक तक भारतीय संसद के सदस्य थे। वे इकलौते राजनेता थे, जिन्होंने चार राज्यों की छह लोकसभा क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व किया। उन्होंने उत्तर प्रदेश के लखनऊ, बलरामपुर, गुजरात के गांधीनगर, मध्य प्रदेश के ग्वालियर और विदिशा के साथ दिल्ली की नई दिल्ली संसदीय सीट से चुनावी जीत हासिल की।
राजग की ओर से पहले प्रधानमंत्री चुने गए थे अटल बिहारी वाजपेयी
कवि हृदय अटल बिहारी वाजपेयी ने राष्ट्र धर्म सहित कई पत्र-पत्रिकाओं का संपादन भी किया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारक के रूप में आजीवन अविवाहित रहने का संकल्प लेकर अपना सफर शुरू करने वाले अटल जी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की ओर से पहले प्रधानमंत्री बने, जिन्होंने गैर कांग्रेसी प्रधानमंत्री के पद पर पांच वर्षों का कार्यकाल पूरा किया। उन्होंने 24 दलों की गठबंधन की सरकार बनाई थी, जिसमें 81 मंत्री थे।
भारत बना परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र
भारत के प्रधानमंत्री रहते हुए अटल बिहारी वाजपेयी ने कई इतिहास रचे हैं। अटल जी ने देश को ”जय जवान, जय किसान, जय विज्ञान” का बुलंद नारा दिया। इसी का नतीजा था देश की सुरक्षा और दुश्मनों की हिमाकत को रोकने के लिए अटल जी के शासन काल में 1998 में, भारत ने एक सप्ताह में पांच परमाणु परीक्षण किए थे। कहना गलत नहीं होगा कि अटल जी ने ही भारत को एक परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र बनाया। इसके बाद अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में ही चंद्रयान-1 परियोजना पारित की गई। याद हो, भारत के 56 वें स्वतंत्रता दिवस पर, उन्होंने कहा था, “हमारा देश अब विज्ञान के क्षेत्र में उच्च उड़ान भरने के लिए तैयार है। मुझे यह घोषणा करने में प्रसन्नता हो रही है कि भारत 2008 तक चंद्रमा के लिए अपना स्वयं का अंतरिक्ष यान भेज देगा। इसे चंद्रयान नाम दिया जा रहा है”।
देश सेवा के दौरान जो दिया, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता
गौरतलब हो कि भारत ने 2008 को पहले चांद मिशन के तहत चंद्रयान-1 और 22 जुलाई 2019 को चंद्रयान-2 को लॉन्च किया था। उसके बाद अब भारत चंद्रयान-3 लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है। ऐसे में अटल जी ने देश सेवा के दौरान जो दिया, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। जब तक तन में ऊर्जा बची रही, तब तक वे सेवारत रहे। कर्तव्य पथ पर चलते-चलते अटल जी अब थकने लगे थे। 93 वर्ष की आयु में आखिरकार 16 अगस्त, 2018 को उनका देहावसान हो गया। उनकी याद में ‘सदैव अटल’ नाम से स्मृति स्थल का निर्माण किया गया।
मध्यप्रदेश के ग्वालियर में हुआ था जन्म
बता दें कि अटल बिहारी वाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में रहने वाले एक विनम्र स्कूल शिक्षक के परिवार में हुआ। निजी जीवन में प्राप्त सफलता उनके राजनीतिक कौशल और भारतीय लोकतंत्र की देन है। पिछले कई दशकों में वह एक ऐसे नेता के रूप में उभरे जो विश्व के प्रति उदारवादी सोच और लोकतांत्रिक आदर्शों के प्रति प्रतिबद्धता को महत्व देते हैं।
उन्हें भारत के प्रति उनके निस्वार्थ समर्पण और 50 से अधिक वर्षों तक देश और समाज की सेवा करने के लिए भारत का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण दिया गया और बाद में उन्हें देश के सर्वोच्च सम्मान ”भारत रत्न” से भी नावाजा गया। केवल इतना ही नहीं उन्हें 1994 में भारत का ‘सर्वश्रेष्ठ सांसद’ चुना गया। अपने नाम के ही समान, अटल जी एक प्रतिष्ठित राष्ट्रीय नेता, प्रखर राजनीतिज्ञ, नि:स्वार्थ सामाजिक कार्यकर्ता, सशक्त वक्ता, कवि, साहित्यकार, पत्रकार और बहुआयामी व्यक्तित्व वाले व्यक्ति रहे। अटल जी जनता की बातों को ध्यान से सुनते थे और उनकी आकांक्षाओं को पूरा करने का प्रयास करते हैं। उनके द्वारा किए गए ये तमाम कार्य राष्ट्र के प्रति उनके समर्पण को दर्शाते हैं।