दुनिया में छाई देश की बेटी; कांगो में काम और अमेरिका में सम्मान, पढ़ें भारतीय सेना की जांबाज राधिका की कहानी
भारतीय सेना की मेजर राधिका सेन को साल 2023 के लिए संयुक्त राष्ट्र का मिलिट्री जेंडर एडवोकेट सम्मान दिया गया है। संयुक्त राष्ट्र के शांति बनाए रखने वाले ऑपरेशन में लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए उन्हें यह पुरस्कार दिया गया है। मेजर राधिका को मार्च 2023 से अप्रैल 2024 के बीच कांगो में तैनात किया गया था। वह संयुक्त राष्ट्र की शांति सेना का हिस्सा थीं। यहां उन्होंने भारतीय बटालियन का नेतृत्व किया। उनकी टीम में 20 महिला और 10 पुरुष जवान भी शामिल थे।
राधिका का काम आम लोगों से मिलना, विस्थापित हुए लोगों की समस्याओं को सामने रखना, विवादित क्षेत्रों में महिलाओं, लड़कियों और बच्चों की आवाज बुलंद करना शामिल था। उनके नेतृत्व में लोगों से बात करने वाली टीमों ने जरूरी मुद्दों पर जागरुकता सत्र चलाए। इसमें महिला की सेहत, शिक्षा, बच्चों की देखरेख, लैंगिक समानता और रोजगार जैसे मुद्दे शामिल थे। इससे स्थानीय लोगों के अंदर नई ऊर्जा का संचार हुआ। स्किल सिखाने वाले प्रोग्राम भी किए गए। इससे लोगों के अंदर भरोसा बढ़ा और वह जागरुक हुए।
पलटन को दिया श्रेय
राधिका सेन ने इस अवॉर्ड का श्रेय अपनी पलटन को दिया है। उन्होंने अपनी सहायक कमांडर सौम्या को इसका श्रेय दिया। उनकी टीम ने इस दौरान उनका बहुत सहयोग किया और जरूरत पड़ने पर सही राह भी दिखाई। उन्होंने भरोसा जताने के लिए और इस मौके के लिए भारतीय सेना का भी शुक्रिया अदा किया। उन्होंने अपने माता-पिता को भी इसके लिए शुक्रिया कहा, जिन्होंने हमेशा उनका साथ दिया और हौसला बढ़ाया। इसी वजह से उन्हें मुश्किल हालातों में अपना सर्वश्रेष्ठ देने की प्रेरणा मिली।
भारतीय सेना की तरफ से कहा गया कि कांगो के स्थानीय समुदायों में मेजर राधिका के काम का खासा प्रभाव पड़ा है। उन्होंने विश्व भर में शांति के लिए चल रहे मिशन के लिए एक मिसाल पेश की है। उनका काम एक उदाहरण है कि कैसे सामाजिक एकता, शांति और सेवा की भावना के साथ काम किया जा सकता है।
मंडी जिले की हैं राधिका
मेजर राधिका हिमाचल प्रदेश में मंडी जिले के एक छोटे से कस्बे संदर नगर से आती हैं। उनके माता-पिता राज्य सरकार में शिक्षक थे और अब दोनों रिटायर हो चुके हैं। उनकी छोटी बहन एनेस्थीसिया में MD कर रही हैं। सुंदर नगर में स्कूल की पढ़ाई के बाद उच्च शिक्षा के लिए राधिका चंडीगढ़ आई थीं। उनके पास बायोटेक्नोलॉजी में इंजीनरिंग की डिग्री है। भारतीय सेना में शामिल होने से पहले वह IIT मुंबई में एम टेक कर रही थीं। सितंबर 2016 में भारतीय सेना का हिस्सा बनीं राधिका ने जम्मू कश्मीर, लद्दाख और उत्तरी सिक्किम में काम किया। भारतीय सेना ने इस उपलब्धि के लिए उन्हें बधाई दी है और उज्जव्ल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी हैं।
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