देश का स्वर्ण भंडार लगातार बढ़ रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि सुरक्षित निवेश मांग और ईटीएफ में सोने में निवेश के कारण पीली धातु की कीमत में आने वाले समय में तेजी बनी रहेगी।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 20 सितंबर को समाप्त सप्ताह स्वर्ण भंडार 72.6 करोड़ डॉलर बढ़कर 63.613 अरब डॉलर हो गया।
देश के विदेशी मुद्रा भंडार में सोना दूसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता है।
देश का विदेशी मुद्रा भंडार 20 सितंबर को समाप्त सप्ताह में 2.838 अरब डॉलर की वृद्धि के साथ 692.296 अरब डॉलर की नई ऊंचाई पर पहुंच गया है। वैश्विक वित्तीय फर्मों के अनुसार, विदेशी मुद्रा भंडार रिकॉर्ड सर्वकालिक उच्च स्तर पर है और उम्मीद से पहले ही वित्त वर्ष 2024-25 में 700 अरब डॉलर को पार कर जाएगा।
वैश्विक निवेश फर्म जेफरीज के एक नवीनतम नोट के अनुसार, आरबीआई के विदेशी मुद्रा भंडार में चालू वित्त वर्ष में 53 अरब डॉलर की भारी वृद्धि के साथ 700 बिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है।
विशेषज्ञों ने कहा कि भारत का मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी स्थिति मजबूत करके, विदेशी निवेश आकर्षित करके और घरेलू व्यापार तथा उद्योग को बढ़ावा देकर आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी।
उल्लेखनीय रूप से, विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर) 20 सितंबर तक 12.1 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.54 अरब डॉलर हो गए, जबकि 13 सितंबर को इसका पिछला स्तर 18.419 अरब डॉलर था।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) पास आरक्षित निधि हालांकि 6.6 करोड़ डॉलर घटकर 4.458 अरब डॉलर रह गई।
भारतीय मुद्रा में उतार-चढ़ाव को नियंत्रित रखने के लिए केंद्रीय बैंक विदेशी मुद्रा बाजार में हस्तक्षेप करता है।
इस बीच, इस महीने देखी गई मजबूत एफआईआई खरीदारी पिछले सप्ताह भी जारी रही। एफआईआई ने सितंबर में अब तक 57,359 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जिसमें अकेले एक्सचेंजों के माध्यम से निवेश 46,480 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।
साल 2024 में अब तक एफआईआई द्वारा शुद्ध निवेश 1,00,245 करोड़ रुपये है। व्यापार विश्लेषकों ने कहा कि इससे इस साल रुपये में स्थिरता लाने में मदद मिली है।