कोसी, सीमांचल और पूर्वी बिहार के जिले में बुधवार को नदियों के जलस्तर में गिरावट दर्ज की गई। हालांकि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की परेशानी बरकरार है। खगड़िया जिले में नदियों के जलस्तर में कमी के बावजूद चारों नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। सहरसा, सुपौल और मधेपुरा जिले में बाढ़ के कारण सड़कें क्षतिग्रस्त होने से लोगों की आवाजाही प्रभावित हुई है।
खगड़िया जिले में बुधवार को बागमती व कोसी नदी के जलस्तर में कमी आई। वही गंगा और गंडक नदी के जलस्तर में वृद्धि हुई। कोसी नदी में बलतारा के पास 25 सेंटीमीटर और बागमती नदी में संतोष स्लुईस गेट के पास 73 सेंटीमीटर की कमी दर्ज की गई। वही दूसरी ओर बूढ़ी गंडक नदी में 13 और गंगा नदी में 21 सेंटीमीटर की वृद्धि दर्ज की गई। हालांकि फिलहाल चारों नदियां खतरे के निशान से ऊपर है। बाढ़ के कारण ़कई इलाकों में कटाव की समस्या भी उत्पन्न हो गई है। चौथम प्रखंड के हरदिया- बंगलिया व तेगाछी- कैथी ग्रामीण सड़क टूटने से पांच हजार लीगों का आवागमन प्रभावित हो गयी है। जिला प्रशासन के अनुसार जिले के पांच प्रखंडों की 21 पंचायतों के लोग पूर्ण व आंशिक रूप से प्रभावित हुए हैं।
कोसी तटबंध टूटने में जिम्मेदारों पर होगी कार्रवाई
गौड़ाबौराम (दरभंगा)। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने बुधवार को कहा कि कोसी पश्चिमी तटबंध टूटने के मामले की सरकार जांच कराएगी। दोषी पाए जाने पर संबंधित अभियंताओं और ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों का जायजा लेने के दौरान उन्होंने कहा कि बिहार में संवेदनशील व सुशासन की सरकार है। वह हर बाढ़ पीडित के साथ खड़ी है।उपमुख्यमंत्री ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सह राजस्व मंत्री दिलीप जायसवाल के साथ गौड़ाबौराम अंचल के मलैई व पुनाच गांव में बाढ़ विस्थापित परिवारों के लिए प्रशासन की ओर से बनाये गये राहत शिविरों का जायजा लिया।
इस दौरान पीड़ितों की समस्याएं भी सुनीं। उपमुख्यमंत्री ने राहत शिविर में रह रहे विस्थापित परिवारों को समय पर भोजन व जलपान की व्यवस्था करने का आदेश दिया।