बिहार कर्मचारी चयन आयोग अर्थात बीएसएससी की कार्यशैली से प्रदेश के 27 लाख से अधिक अभ्यर्थी नाराज चल रहे हैं. इसके पीछे वजह यह है कि बीते वर्ष नवंबर-दिसंबर में 12199 पदों पर आई वैकेंसी के लिए आवेदन की प्रक्रिया पूरी कर ली गई लेकिन अब परीक्षा की तिथि घोषित नहीं हुई है. इससे अभ्यर्थियों में नाराजगी है. छात्रों ने अब आयोग के साथ-साथ बिहार सरकार को आंदोलन का अल्टीमेटम दे दिया है।
24 जुलाई को सोशल मीडिया पर अभियानः अभ्यर्थियों ने परीक्षा की तिथि जारी करने की मांग को लेकर 24 जुलाई को ट्विटर ट्रेंड करने का अल्टीमेट दिया है. सोशल मीडिया पर अपना प्रोटेस्ट करेंगे. इसके बावजूद यदि आयोग तिथि जारी नहीं करता है तो 1 अगस्त को पटना की सड़कों पर लाखों अभ्यर्थी उतरकर आयोग कार्यालय का घेराव करेंगे।
पटना में प्रदर्शन का अल्टीमेटमः आंदोलन की रणनीति को लेकर के नाराज बीएसएससी अभ्यर्थियों ने सोमवार को पटना के गांधी मैदान में बैठक की. छात्र नेता दिलीप ने ईटीवी से बात करते हुए कहा कि बिहार कर्मचारी चयन आयोग की कार्यशाली शुरू से ही विवादों में रही है. प्रथम इंटर स्तरीय बहाली आई थी तो पहली बार पेपर लीक हुआ. दूसरी बार धांधली सेटिंग का आरोप लगा और 8 वर्ष में बहाली पूरी हुई. इस बार भी नोटिफिकेशन निकालने के बाद आवेदन की प्रक्रिया पूरी हुए 8 महीने हो गए लेकिन परीक्षा की तिथि जारी नहीं की गयी।
“पटना सिविल कोर्ट में क्लर्क और चपरासी के पदों पर वैकेंसी आए 21 महीने से अधिक हो गए हैं लेकिन परीक्षा अब तक नहीं हुई है. सरकार जल्द से जल्द इन दोनों परीक्षाओं की तिथि की घोषणा करें अन्यथा नाराज छात्रों के पास आंदोलन के अलावा कोई विकल्प नहीं बच रहा है.” -दिलीप कुमार, छात्र नेता
वैकेंसी का ढोल पीट रही सरकारः छात्र मुजीब ने कहा कि सरकार सिर्फ वैकेंसी का ढोल पीट रही है. अभ्यर्थियों की भविष्य से खिलवाड़ करती है. सिविल कोर्ट में क्लर्क के 3325 पद और प्यून के लगभग 17000 पदों पर वैकेंसी है. सिविल कोर्ट की यह परीक्षा 21 महीने से लंबित है. बीएसएससी 8 महीने से परीक्षा की तिथि घोषित नहीं कर रहा है।
“सरकार सिर्फ वैकेंस की गिनती कर रही है, लेकिन यह वैकेंसी कब पूरी होगी यह नहीं बता रही है. इस वजह से अभ्यर्थियों का भविष्य संकट में फंसा हुआ है. सरकार जल्द परीक्षा की तिथि जारी करे नहीं तो आंदोलन करेंगे.” -मुजीब, छात्र
‘आंदोलन के अलावा कोई विकल्प नहीं’: पुरुषोत्तम ने बताया कि अब उन लोगों के पास आंदोलन के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है. कहा कि परीक्षा की तैयारी पूरी कर बैठे हुए हैं. घर से प्रेसर आता है कि ‘कब तक पटना में पढ़ाई के नाम पर रहोगे और तैयारी करते रहोगे’. सरकार वैकेंसी निकालती है तो उम्मीद बढ़ती है कि परीक्षा क्वालीफाई कर जाएंगे तो जल्द नौकरी लग जाएगी लेकिन परीक्षा कब होगी यही बहुत बड़ा सवाल है।
“आयोग के ना तो स्थायी अध्यक्ष हैं और ना ही सही जानकारी दी जा रही है. बीपीएससी पेपर लीक के समय आयोग के जो सदस्य थे उन्हें बीएसएससी का सदस्य बना दिया गया है. सरकार से यही चाहते हैं कि जल्द से जल्द परीक्षा की तिथि घोषित हो.” -पुरुषोत्तम, अभ्यर्थी
‘भविष्य के साथ खिलवाड़’: छात्र आलोक कुमार ने बिहार कर्मचारी चयन आयोग पर भविष्य के साथ खिलवाड़ करने का आरोप लगाया है. कहा कि उनके जैसे 27 लाख से अधिक अभ्यर्थी संकट में हैं. सभी परीक्षा का इंतजार कर रहे हैं लेकिन इस संबंध में आयोग कुछ नहीं कह रहा है. इसके अलावा सिविल कोर्ट की वैकेंसी 21 महीने से लंबित है।
“दोनों बहालियों की परीक्षा तिथि जल्द घोषित हो अन्यथा 24 जुलाई को ट्विटर ट्रेंड कर आक्रोश प्रकट करेंगे. फिर भी सरकार नहीं मानी तो 1 अगस्त को पटना की सड़कों पर लाखों अभ्यर्थी उतरेंगे.” -आलोक कुमार, छात्र