TMBU की बैठक में मर्यादा हुई तार-तार, आपस में भिड़े कुलपति और कुलसचिव, दोनों के बीच जमकर हुई तू-तू मैं-मैं
छात्रों को शिष्टाचार और अनुशासन की सीख देने वाले जब कुलपति-कुलसचिव ही अपनी मर्यादा तोड़ दें और तू-तू, मैं-मैं पर उतर आएं तो इससे प्रदेश भर के विश्वविद्यालयों की मौजूदा शिक्षा व्यवस्था की स्थिति का सहज अनुमान लगाया जा सकता है।
सोमवार को शिक्षा विभाग द्वारा सभी विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक और प्रशासनिक व्यवस्था को लेकर बुलायी गई बैठक में तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय TMBU के कुलपति प्रो.(डा.) जवाहर लाल और कुलसचिव गिरजेश नंदन कुमार आपस में कुछ इस तरह भिड़ गए कि मानो प्राइमरी सेक्शन के बच्चे लड़ रहे हों।
बातों-बातों में एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप की लगाई झड़ी
इस शर्मनाक वाकये के गवाह बने से बैठक में मौजूद तमाम कुलपति, प्रतिकुलपति, कुलसचिव, संकायाध्यक्ष और शिक्षा विभाग के अफसर हैरान रह गए। शिक्षा विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव की मौजूदगी में कुलपति प्रो.जवाहर लाल और कुलसचिव गिरजेश नंदन कुमार बातों-बातों में एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप की झड़ी लगा दी।
एक-दूसरे ने अपने ही विश्वविद्यालय की प्रशासनिक व्यवस्था की पोल दी। इसे कुलपति का अपमान बताते हुए कामेश्वर सिंह दरभंगा कुलपति प्रो. शशिनाथ झा को छोड़ शेष सभी कुलपतियों ने बैठक का बहिष्कार किया। हालांकि, शिक्षा सचिव बैद्यनाथ यादव की अध्यक्षता में बैठक की पूरी कार्यवाही चली और महत्वपूर्ण निर्देश भी दिए गए।
इस बीच तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.जवाहर लाल ने अपने विशेषाधिकार से गिरजेश नंदन कुमार को कुलसचिव पद से निलंबित कर दिया है। बता दें कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक अवकाश पर हैं। इसलिए यह बैठक सचिव बैद्यनाथ यादव की अध्यक्षता में बैठक बुलायी गयी थी।
रोस्टर क्लियरेंस की संचिका दबाने का मामला
बैठक में घटना के प्रत्यक्षदर्शी रहे एक कुलपति ने बताया कि शिक्षा विभाग की इस महत्वपूर्ण बैठक में पहली बार शर्मसार कर देने वाली घटना घटी। दरअसल, सचिव बैद्यनाथ यादव द्वारा बैठक में सबसे पहले विश्वविद्यालयों में रोस्टर क्लियरेंस के बारे में कुलपतियों से जानकारी मांगी गई।
रोस्टर क्लियरेंस का मामला आते ही कुलपति प्रो.जवाहर लाल ने अपने विश्वविद्यालय में यह कार्य लंबित रहने के लिए कुलसचिव गिरजेश नंदन कुमार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि उनके पास इससे संबंधित कोई संचिका नहीं है। संचिका रजिस्टार साहब के पास ही है।
इस बीच कुलसचिव गिरजेश नंदन कुमार ने कुलपति पर आरोप लगाते हुए कहा कि संबंधित संचिका आपके पास है। बातों-बातों में दोनों के बीच मर्यादाएं भंग होने लगीं… तू-तू, मैं-मैं उतर आए।
इस वाकये को कुलपति का अपमान बताते हुए कुलपति प्रो. शशि नाथ झा को छोड़ शेष सभी कुलपति बैठक का बहिष्कार करते हुए मदन मोहन झा स्मृति सभागार से निकल गए। इससे नाराज शिक्षा सचिव बैद्यनाथ यादव ने कुलसचिव गिरजेश नंदन कुमार को भी बैठक से बाहर कर दिया। हालांकि उन्हें डेढ़ दो घंटे के बाद बुला लिया गया।
एक्शन में शिक्षा विभाग, प्रशासनिक सुधार की हिदायत
बैठक की घटना से नाराज शिक्षा सचिव बैद्यनाथ यादव ने सभी विश्वविद्यालयों को आगाह करते हुए निर्देश दिया कि प्रशासनिक व्यवस्था में लापरवाही बर्दास्त नहीं की जाएगी। इसमें अविलंब सुधार लाए।
शिक्षकों का रेशनलाईजेशन हेतु जरूरी कदम उठाएं। किसी महाविद्यालय में जिन विषयों के शिक्षक नहीं हैं, वहां पर अधीनस्थ किसी दूसरे महाविद्यालय से शिक्षक को भेजें। हर विषय के शिक्षक की उपस्थिति अनिवार्य हों और कक्षाएं नियमित संचालित कराएं।
वित्तीय व्यवस्था में अनुशासन व पारदर्शिता को चुस्त-दुरुस्त करें। उपयोगिता प्रमाण पत्र तय अवधि में देना होगा। वहीं, हर शिक्षक प्रतिदिन पांच कक्षा अवश्य लें, इसे सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया है। सप्ताह में तीन महाविद्यालयों का निरीक्षण हर हाल में करने के निर्देश दिया। गूगल शीट को नियमित रूप से भरने को कहा गया।
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