जमीन खा गई या आसमान निगल गया। आखिर 45 लोग कहां गए, जिनका कुछ सुराग ही नहीं लग रहा है। हिमाचल प्रदेश में पिछले 60 घंटे से सर्च ऑपरेशन चल रहा है, लेकिन बादल फटने की घटना के बाद लापता हुए लोगों के शव तक नहीं मिल रहे हैं। इस बीच लाहौल स्पीति में भी बादल फटे और एक महिला की मौत हो गई। लाहौल स्पीति की पिन घाटी में बादल फटने की घटना हुई।
मलबे में दबी महिला की लाश बरामद हुई। DC राहुल कुमार ने इसकी पुष्टि की, लेकिन गत एक अगस्त को मंडी, कुल्लू और शिमला में बादल फटने के बाद 50 से ज्यादा लोग मलबे के साथ आए पानी में बह गए थे, लेकिन 3 दिन में सिर्फ 7 लाशें मिलीं। बाकी 45 लोग कहां गए, अभी तक किसी को पता नहीं है। NDRF, SDRF, पुलिस, होमगार्ड के जवान उन्हें पूरे आपदा ग्रस्त इलाके में तलाश चुके हैं, लेकिन उनके बारे में कुछ पता नहीं चला।
लाहौल स्पीति के काजा में बादल फटे
बता दें कि शुक्रवार रात को लाहौल स्पीति के काजा शहर के गांव सगनम में बादल फटे। मलबे में जंगमो (55) पत्नी पदम दुर्जे बह गईं। बीती शाम उनका शव बरामद हुआ। अतिरिक्त उपायुक्त के नेतृत्व में उपमंडल अधिकारी नागरिक, नायब तहसीलदार और भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस बल की एक टुकड़ी ने सर्च ऑपरेशन चलाया।
वहीं बादल फटने दारचा-शिंकुला रोड पर बना पुराना और नया पुल डैमेज हो गया। BRO की टीम रास्ता बहाल करने में जुटी है, लेकिन अभी 2 से 3 दिन का समय रास्ता पूरी तरह खुलने में लगेगा। दारचा से लगभग 16 किलोमीटर की दूरी पर बादल फटा। SP लाहौल-स्पीति मयंक चौधरी और जिला प्रशासन ने एडवाइजरी जारी करके लोगों से अपील की है कि वे इस रोड पर सफर न करें।
शिमला, मंडी और कुल्लू में ऐसे हैं हालात
बता दें कि एक अगस्त को कुल्लू, मंडी और शिमला के 5 गांवों में बादल फटे। 3 दिन में 6 लाशें बरामद हो चुकी हैं। राजस्व और आपदा प्रबंधन के विशेष सचिव DC राणा के अनुसार, भूस्खलन के कारण मंडी से पंडोह के बीच बना नेशनल हाईवे 5 मील, 6 मील, 9 मील के पास ब्लॉक है। बड़े-बड़े पत्थरों और मलबे के कारण ट्रैफिक बाधित कर दिया गया।
शिमला जिले के रामपुर से सटे समेज गांव में लापता लोगों की तलाश तीसरे दिन भी जारी है। सतलुज नदी में भी सर्च ऑपरेशन चल रहा है। लाइव डिटेक्टर की मदद से गांव समेज से कौल डैम तक 85 किलोमीटर का एरिया खंगाला जा रहा है। कुल्लू जिले के निरमंड में बादल फटने से पुल टूट गए। प्रशासन ने 5 दिन के लिए स्कूल बंद करने का ऐलान किया है। बागीपुल, समेज और जाओ गांव में स्कूल की बिल्डिंग ढह गई है।