भाभी के प्रेम जाल में फंसकर छोटे भाई ने शूटर के माध्यम से सुपारी देकर बड़े भाई की हत्या करवा दी। मामला मधुबनी के मधेपुर थानाक्षेत्र के सुंदर विराजित गांव का है। पुलिस ने इस बाबत मृतक विनोद कुमार यादव के छोटे भाई सरोज कुमार यादव (28), शूटर अजय कुमार ठाकुर (22), सुशील मुखिया (20) को गिरफ्तार किया है। इस मामले में एक अन्य आरोपी देवन यादव फरार चल रहा है।
झंझारपुर एसडीपीओ आशोक कुमार ने बताया कि पुलिस ने अजय कुमार ठाकुर के पास से एक देशी कट्टा और तीन गोली जबकि सुशील मुखिया के घर से एक देशी कट्टा एवं दो कारतूस बरामद किया।
बड़े भाई को लगी देवर-भाभी के अवैध संबंध की भनक तो
उन्होंने बताया कि सरोज कुमार यादव का अपने बड़े भाई की पत्नी के साथ अवैध संबंध था। हाल ही में इस बात की भनक उसके बड़े भाई विनोद कुमार यादव (40) को इसकी लग गई।
इसके बाद दोनों के बीच तकरार होने लगी। सरोज कुमार यादव मुंबई में रहता था। अवैध संबंध से गुस्साए विनोद ने सरोज को गांव आने से मना कर दिया था।
मुंबई से रची भाई की हत्या की साजिश
सरोज ने इसके बाद गांव से करीब उन्नीस सौ किलोमीटर दूर मुंबई से ही अपने बड़े भाई की हत्या की साजिश रचने लगा। इसके लिए उसने अपने एक पूर्व परिचित अजय कुमार ठाकुर से इस बाबत बात की।
अजय ने डेढ़ लाख रुपए में काम हो जाने की बात कही। बात पक्की हो जाने पर सरोज ने पेशगी के तौर पर अजय को मोबाइल ऐप के माध्यम से तीस हजार रुपए एडवांस दे दिया। जबकि चालीस हजार रुपए विनोद की मौत के बाद भुगतान किया।
ऐसे हुआ मामले का खुलासा
एसडीपीओ ने बताया कि यह सारा खुलासा तब हुआ, जब पुलिस ने सरोज कुमार यादव को थाने लाकर गहराई से पूछताछ की। एसडीपीओ ने बताया कि अजय कुमार ठाकुर ने मधेपुर थाने के चौकीदार हीरा खां को गोली मारकर जख्मी करने में दर्ज प्राथमिकी में भी शूटर की भूमिका निभायी थी, जबकि भैरवस्थान थाने में दर्ज एक कांड में भी वह शामिल था।
ऐसे दिया था वारदात को अंजाम
बताते चलें कि विनोद यादव जिनकी पत्नी जविप्र की विक्रेता है, 17 अक्टूबर दिन के लगभग ढाई बजे जब वह अपनी बाइक से मधेपुर आ रहा था तभी, बाथ सिकरिया रोड पर सिंधिया ईट भट्ठा के पास पीछे से एक बाइक पर सवार तीन बदमाशों ने गोली मार दी थी।
गोली लगने से गंभीर रूप से घायल विनोद को दरभंगा के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि, तीन दिन तक इलाज चलने के बाद उसकी मौत हो गई। इस बाबत विनोद के भाई मनोज कुमार यादव ने 19 अक्टूबर को थाने में एक प्राथमिकी दर्ज कराई थी।
एसडीपीओ के नेतृत्व में गठित जांच कमेटी ने किया खुलासा
बकौल पुलिस घटना के बाबत परिवार के तरफ से किसी प्रकार की न तो जानकारी नहीं दी जा रही थी न ही सहयोग किया जा रहा था। इसके बाद एसपी सुशील कुमार द्वारा एसडीपीओ आशोक कुमार के नेतृत्व में एक जांच दल गठित किया गया। जांच दल ने वैज्ञानिक एवं मानवीय अनुसंधान के उपरांत यह सफलता प्राप्त की।
आर्म्स बरामदगी में दर्ज हुई एफआईआर
इधर, आर्म्स बरामदगी में एक और प्राथमिकी दर्ज कराई गई है, जिसमें अजय कुमार ठाकुर, सुशील मुखिया, सचिन कुमार को नामजद किया गया है।
बताते चलें कि जोरमां बांध पर विनोद कुमार यादव हत्याकांड की पुलिस अनुसंधान कर रही थी, जिस दौरान बाइक सवार सचिन कुमार, अजय कुमार ठाकुर धराया था, जबकि अंधेरा का लाभ उठाकर सुशील मुखिया फरार हो गया था।
तलाशी के दौरान अजय कुमार ठाकुर के कमर से एक देशी कट्टा व तीन गोली बरामद हुआ था। इसके बाद पुलिस ने वहां से भागे बाथ गांव निवासी सुशील मुखिया के घर पर दबिश दी, जहां सुशील मुखिया को धर दबोचा एवं बिछावन के तले से एक देशी कट्टा तथा दो गोली बरामद किया।