भागलपुर में कोसी नदी के जलस्तर में लगातार हो रही बढ़ोतरी से चोरह़र तटबंध कई जगहों पर क्षतिग्रस्त हो गया है. कटाव का यही सिलसिला लगातार जारी रहा, तो कभी भी चोरहर तटबंध ध्वस्त हो सकता है. तटबंध ध्वस्त होने से कोसी तटीय इलाकों में भीषण तबाही मचेगी. स्थानीय लोगों का कहना है कि तटबंध मरम्मत के नाम करोड़ों रुपये खर्च हो चुके हैं, लेकिन तटबंध की सूरत नहीं बदली. जियो बैग और एनसी के नाम पर लाखों के न्यारे हुए, लेकिन तटबंधों के हालात नहीं बदले. चोरहर पुल के समीप भीषण कटाव हो रहा है, जिससे चोरहर भवनपुरा पुल संपर्क पथ ध्वस्त होने की संभावना प्रबल हो गयी है.
तटबंध को बचाने में जुटे डीएम व एसडीपीओ
भयावह स्थिति को देखते हुए डीएम राजीव रौशन व एसडीपीओ मनीष चंद्र चौधरी ने कमान संभाल रहे हैं. डीएम व एसडीपीओ स्वयं मिट्टी से भरे बोरे को उठाकर अपने गाड़ी से ओवरफ्लो स्थल पर पहुंचाने में जुटे रहे. इसको देख कर कई लोगों ने बोरा उठाने में मदद की. जमालपुर पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि व खैसा पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि एवं स्थानीय लोग भी तटबंध को बचाने में जुटे रहे.जल संसाधन विभाग के अभियंता द्वारा व्यापक तैयारी नहीं कि गयी थी जिसको लेकर डीएम ने विभागीय अभियंता को कड़ी फटकार लगाई.खबर लिखे जाने तक तटबंध डीएम तटबंध को सुरक्षित करने में जुटे थे.
तटबंध टूटने पर कई गांव हो जायेंगे जलमग्न
अगर तटबंध टूटता है तो कमला नदी के पूर्वी तटबंध एवं कोसी नदी के पश्चिमी तटबंध के बीच बसे गांव जमालपुर, तरवारा, किरतपुर, भुभोल, गरौल, सिमरी, झगरूवा, बघरस, रसियारी, असमा सहित पांच प्रखंड घनश्यामपुर किरतपुर गोराबोराम बिरौल कुशेश्वरस्थान के गांव बाढ़ के पानी में जलमग्न हो जायेंगे. वहीं जान-माल का काफी नुकसान होगा.