पटना: राजधानी पटना का गंगा तट अब केवल एक नदी किनारा नहीं, बल्कि एक भव्य पर्यटन स्थल के रूप में विकसित होने जा रहा है। पथ निर्माण विभाग द्वारा प्रस्तावित जेपी गंगा पथ समग्र उद्यान परियोजना (फेज-1) के तहत इस क्षेत्र को हरियाली, संस्कृति और आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा।
इस परियोजना पर कुल 387.40 करोड़ रुपये खर्च होंगे और इसे 49.7 हेक्टेयर क्षेत्र में विकसित किया जाएगा। परियोजना का लक्ष्य दो वर्षों में इसे पूर्ण करना है। इसका उद्देश्य पर्यावरणीय संतुलन के साथ-साथ राजधानी पटना को पर्यटन के नए नक्शे पर स्थापित करना है।
परियोजना के प्रमुख आकर्षण:
- रिवर फ्रंट, वानिस्थितिका उद्यान, तितली उद्यान, फूड कोर्ट, महिला हाट, साइकिल ट्रैक, और विशाल पैदल पथ विकसित किए जाएंगे।
- एक लाख से अधिक पेड़-पौधे लगाए जाएंगे जिससे राजधानी की हरियाली और वायुमंडलीय गुणवत्ता में सुधार होगा।
- 6 किमी लंबा पैदल पथ लोगों को गंगा के किनारे सुरक्षित और सुकूनदायक अनुभव देगा।
- पार्किंग के लिए 4,000 चार पहिया और 13,000 दोपहिया वाहनों की क्षमता विकसित की जाएगी।
वानिस्थितिका उद्यान विशेष रूप से 27 नक्षत्रों के आधार पर तैयार किया जाएगा, जो पारंपरिक खगोलशास्त्र और पर्यावरणीय संरक्षण का समावेश करेगा। वहीं तितली उद्यान बच्चों और पर्यटकों के लिए प्रकृति से जुड़ने का एक आकर्षक केंद्र बनेगा।
पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कहा, “यह परियोजना न केवल पटना के सतत विकास की दिशा में एक ठोस कदम है, बल्कि यह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रगति यात्रा के दौरान किए गए वादों का साकार रूप भी है।”
निविदा प्रक्रिया भी प्रारंभ कर दी गई है और इच्छुक एजेंसियां 27 अप्रैल से 26 मई तक दोपहर 3 बजे तक आधिकारिक पोर्टल से दस्तावेज डाउनलोड और अपलोड कर सकती हैं। चयन प्रतिस्पर्धी प्रक्रिया के तहत किया जाएगा जिसमें गुणवत्ता और समयबद्धता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।