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दो मिनट देरी से पहुंंचने पर परीक्षा केंद्र का गेट बंद, फफक कर रोती रहीं छात्राएं, अभिभावकों ने किया हंगामा

ByLuv Kush

फरवरी 1, 2025
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पहले दिन काफी सख्ती दिखी. कुछ ऐसे भी परीक्षार्थी दिखे जो किसी कारणवश देर से पहुंचे. दो मिनट की देरी उन परीक्षार्थियों के पूरे साल पर भारी पड़ गई. लाख मिन्नतों के बाद भी स्कूल का दरवाजा उनके लिए नहीं खुला. ये हाल गया और गोपालगंज में देखने को मिला. छात्राएं दरवाजा खुलवाने के लिए लाख गुहार लगाती रहीं लेकिन एक बार भी बंद दरवाजा खुला नहीं.

देर से आए परीक्षार्थियों को No Entry : गया जिले में भी इंटरमीडिएट परीक्षा के पहले दिन विलंब से पहुंचे परीक्षार्थियों को बाहर ही रोक दिया गया. कन्या उच्च विद्यालय रमना में आठ छात्राएं 9 बजे के बाद पहुंची, जिनका कहना था कि वे जाम के कारण दो मिनट देर से पहुंची थीं. हालांकि, उन्हें भी प्रवेश नहीं दिया गया और वे परीक्षा से बाहर रह गईं. छात्राएं गेट के बाहर रोती रहीं, जबकि अभिभावक हंगामा करते हुए परीक्षा केंद्र के बंद गेट को धक्का देने लगे. इस पर पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित किया.

नियम सभी के लिए होना चाहिए : अभिभावकों का आरोप था कि सिर्फ दो मिनट की देरी के कारण छात्राओं को परीक्षा से वंचित कर दिया गया, जबकि शिक्षक और पुलिसकर्मी खुद काफी देर से पहुंचे थे, फिर भी उन्हें अंदर जाने की अनुमति दी गई. उन्होंने कहा कि यदि नियम है, तो वह सभी के लिए लागू होना चाहिए और किसी का भविष्य इस तरह से नहीं खराब होना चाहिए.

रोते हुए लौटे परीक्षार्थी : यही हाल गोपालगंज में भी था. इंटरमीडिएट परीक्षा के पहले दिन वीएम इंटर कॉलेज और एसएस बालिका उच्च विद्यालय परीक्षा केंद्र पर कुछ छात्राएं महज कुछ मिनट देर से पहुंचने के कारण परीक्षा से वंचित रह गईं. इन छात्राओं ने परीक्षा केंद्राधीक्षक से अपनी परेशानी साझा की, लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी. इस पर निराश छात्राएं रोते हुए घर लौट गईं.
गोपालगंज में भी तय समय पर गेट बंद : गोपालगंज जिले में 33 परीक्षा केंद्रों पर कड़ी सुरक्षा के बीच इंटरमीडिएट की परीक्षा का आयोजन किया गया था. इस दौरान लगभग 39,000 छात्र-छात्राएं परीक्षा में शामिल हुए. सभी केंद्रों पर सुरक्षा बल और मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई थी और सीसीटीवी कैमरों से निगरानी रखी जा रही थी. परीक्षा केंद्रों से 500 गज की दूरी तक सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक धारा 144 लागू थी, और परीक्षार्थियों की इंट्री का समय सुबह 9:30 बजे तक निर्धारित किया गया था.
‘गेट खोल दो..सर’ : सिधवलिया प्रखंड के बुधसी निवासी रिशु कुमारी परीक्षा देने के लिए 9:32 बजे पहुंची, लेकिन गेट बंद कर दिया गया. छात्रा ने बताया कि ऑटो पलटने के कारण वह देर से पहुंची थी, लेकिन इसके बावजूद उसे अंदर प्रवेश नहीं दिया गया. कुछ समय बाद, छात्रा को गेट से बाहर निकाल दिया गया, जिससे वह परीक्षा से वंचित हो गई और रोते हुए घर लौट गई. इसी तरह, सदर प्रखंड के बरई पट्टी निवासी रवीना कुमारी भी 15 मिनट की देरी से परीक्षा केंद्र पहुंची, लेकिन उसे भी अंदर प्रवेश नहीं मिला और वह अपने घर लौट गई.
परीक्षाओं का पहला दिन : पहले दिन बायोलॉजी, फिलॉसफी और इकोनॉमिक्स की परीक्षा आयोजित की गई थी. गया जिले में कुल 61 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे, और सुबह 9 बजे तक छात्रों को परीक्षा केंद्र में प्रवेश की अनुमति दी गई थी. 9 बजे के बाद, परीक्षा केंद्र के गेट बंद कर दिए गए थे, और देर से पहुंचे छात्र-छात्राओं को प्रवेश नहीं मिला.

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