पहले दिन काफी सख्ती दिखी. कुछ ऐसे भी परीक्षार्थी दिखे जो किसी कारणवश देर से पहुंचे. दो मिनट की देरी उन परीक्षार्थियों के पूरे साल पर भारी पड़ गई. लाख मिन्नतों के बाद भी स्कूल का दरवाजा उनके लिए नहीं खुला. ये हाल गया और गोपालगंज में देखने को मिला. छात्राएं दरवाजा खुलवाने के लिए लाख गुहार लगाती रहीं लेकिन एक बार भी बंद दरवाजा खुला नहीं.
देर से आए परीक्षार्थियों को No Entry : गया जिले में भी इंटरमीडिएट परीक्षा के पहले दिन विलंब से पहुंचे परीक्षार्थियों को बाहर ही रोक दिया गया. कन्या उच्च विद्यालय रमना में आठ छात्राएं 9 बजे के बाद पहुंची, जिनका कहना था कि वे जाम के कारण दो मिनट देर से पहुंची थीं. हालांकि, उन्हें भी प्रवेश नहीं दिया गया और वे परीक्षा से बाहर रह गईं. छात्राएं गेट के बाहर रोती रहीं, जबकि अभिभावक हंगामा करते हुए परीक्षा केंद्र के बंद गेट को धक्का देने लगे. इस पर पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित किया.
नियम सभी के लिए होना चाहिए : अभिभावकों का आरोप था कि सिर्फ दो मिनट की देरी के कारण छात्राओं को परीक्षा से वंचित कर दिया गया, जबकि शिक्षक और पुलिसकर्मी खुद काफी देर से पहुंचे थे, फिर भी उन्हें अंदर जाने की अनुमति दी गई. उन्होंने कहा कि यदि नियम है, तो वह सभी के लिए लागू होना चाहिए और किसी का भविष्य इस तरह से नहीं खराब होना चाहिए.
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