भूमि सर्वे के लिए सरकार ने कर दी बड़ी व्यवस्था

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बिहार में जमीन सर्वे के काम में तेजी लाने और जमीन मालिकों के सभी टेंशन को दूर करने के लिए बिहार सरकार ने बड़ी व्यवस्था कर दी है। राज्य के कुछ 8 प्रमंडलों में नई व्यवस्था ने काम करना शुरू कर दिया है जबकि सिर्फ एक प्रमंडल में आज शाम से यह काम शुरू हो जाएगा। इसके बाद बिहार में जमीन सर्वे में कोई परेशानी नहीं होगी।

दरअसल, बिहार के 9 प्रमंडलों में से 8 प्रमंडलों के सर्वर ने अलग-अलग काम करना शुरू कर दिया है। बाकि एक सारण प्रमंडल का अपना अलग सर्वर भी आज शाम तक काम करने लगेगा। इसके साथ ही कल यानि गुरूवार तक सभी प्रमंडलों के सर्वर अलग-अलग काम करने लगेंगे। इस तकनीकी समस्या के हल होने के साथ ही भूमि सर्वे के काम में और तेजी आएगी। खासकर सर्वे अमीन द्वारा तेरीज का डाटा अपलोड करने और रैयत द्वारा स्वघोषणा को ऑनलाइन अपलोड करने में आ रही समस्या पूरी तरह समाप्त हो जाएगी।

भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशक कमलेश कुमार सिंह ने शास्त्रीनगर स्थित राजस्व सर्वे प्रशिक्षण संस्थान में आज स्वघोषणा की प्रगति की जिलावार समीक्षा की। दूसरे चरण के जिन 18 जिलों में भूमि सर्वेक्षण का काम शुरू हुआ है उनमें सर्वाधिक संतोष जनक प्रगति दरभंगा जिले की रही। जिले में ऑनलाइन एवं ऑफलाइन माध्यम से आजतक कुल 750989.00 स्वघोषणा प्राप्त है। इनमें से रैयतों द्वारा सीधे ऑनलाइन माध्यम से 630832.00 स्वघोषणा को समर्पित किया गया है।

राजधानी पटना में सभी 26 अंचलों को मिलाकर आजतक कुल 330334.00 स्वघोषणा ऑनलाइन एवं ऑफलाइन मोड में प्राप्त हुआ है। इनमें रैयतों द्वारा सीधे ऑनलाइन माध्यम से 153375.00 स्वघोषणा को निदेशालय की वेबसाइट पर अपलोड किया गया है। जबकि 176959.00 स्वघोषणा ऐसी है जो शिविर स्तर पर ऑफलाइन मोड में प्राप्त है। इनमें से 138899.00 स्वघोषणा को सर्वे कर्मियों द्वारा ऑनलाइन किया जा चुका है जबकि 38060.00 स्वघोषणा को अपलोड किया जाना शेष है।

सभी प्रमंडलों के सर्वर के अलग-अलग काम करने से प्रपत्र-2 भरने यानि स्वघोषणा के काम में भी प्रगति हुई है। ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनों को मिलाकर दूसरे चरण में अबतक जमा स्वघोषणा की कुल संख्या 7942233.00 हो चुकी है। इनमें 4641796.00 स्वघोषणा रैयतों द्वारा ऑनलाइन माध्यम से अपलोड किया गया है। शिविर स्तर पर ऑफलाइन माध्यम से कुल 3300437.00 स्वघोषणा प्राप्त हुई जिसमें से 2429756.00 स्वघोषणा को ऑनलाइन किया जा चुका है जबकि 870681.00 स्वघोषणा को ऑनलाइन किया जाना बाकि है। निदेशक ने अगले एक सप्ताह में इन्हें ऑनलाइन करने का लक्ष्य सभी बंदोबस्त पदाधिकारियों को दिया।

दूसरे चरण के जिन 18 जिलों में दूसरे चरण में अगस्त, 2024 में भूमि सर्वेक्षण का कार्य शुरू हुआ है वो अपेक्षाकृत बड़े जिले हैं। इनके नाम हैं- मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, वैशाली, पटना, भोजपुर, रोहतास, कैमूर, बक्सर, सारण, सीवान, गोपालगंज, दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, गया, औरंगाबाद, नवादा और भागलपुर। इन सभी 18 जिलों में कुल मिलाकर अंचल और मौजा हैं।

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री डॉ दिलीप कुमार जायसवाल ने कहा है कि भूमि सर्वेक्षण एवं बंदोबस्त का काम निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार चल रहा है। रैयत किसी अफवाह का शिकार नहीं बनें। जो रैयत अपनी जमीन का ब्यौरा अबतक समर्पित नहीं किए हैं, 31 मार्च तक अनिवार्य रूप से ऑनलाइन/ऑफलाइन जमा कर दें।

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