मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रगति यात्रा पर हैं. वे जिलों जाकर योजनाओं का उद्घाटन-शिलान्यास कर रहे. साथ ही कई घोषणाएं भी कर रहे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की यात्रा पर पानी की तरह पैसे बहाये जा रहे.सूचना एवं जन संपर्क विभाग द्वारा लाइव प्रसारण किया जा रहा है. साथ ही रिजनल टीवी चैनलों के माध्यम से भी मुख्यमंत्री के प्रोग्राम को लाइव प्रसारित कराया जा रहा. प्रगति यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जीविका दीदीयों से भी बात कर रहे हैं. इस दौरान मुख्यमंत्री की कही बातें लाईव प्रसारित हो जा रहीं हैं. CM का वो बयान सोशल मीडिया-टीवी चैनलों की सुर्खियां बन जा रहीं. विपक्ष को भी बोलने का मौका मिल जा रहा. इससे सरकार परेशान है. इसका एक रास्ता निकाला गया है. कार्यक्रम के लाईव प्रसारण में आवाज बंद कर दी गई है. अब मुख्यमंत्री की प्रगति यात्रा का प्रसारण तो हो रहा, लेकिन बिना आवाज के. तीन दिनों से यह फार्मूला अपनाया गया है. मकसद यही है कि मुख्यमंत्री की आवाज बाहर न आए. वैसे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में भी यह फार्मूला अपनाया जा चुका है. जब भद्द पिटी तो CM जनता दरबार के लाईव प्रसारण में आवाज म्यूट कर दिया जाता था.
आवाज को म्यूट करने का फार्मूला
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रगति यात्रा के क्रम में आज बुधवार को अररिया जिले के दौरे पर रहे. इस दौरान विकास योजनाओं का उद्घाटन-शिलान्यास किया. कार्यक्रम का लाइव प्रसारण सूचना एवं जन संपर्क विभाग के सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से की जा रही है. आईपीआरडी के ‘यूट्यूब’ चैनल पर मुख्यमंत्री के कार्यक्रम का लाईव प्रसारण तो किया गया, लेकिन आवाज बंद कर. सिर्फ तस्वीर दिखाई गई, किसी ने आवाज नहीं सुनी. यानि लाईव दिखाने की खानापूर्ति की गई. इसके पहले मंगलवार को मुख्यमंत्री किशनगंज के दौरे पर थे. आईपीआरडी की तरफ से प्रगति यात्रा का लाईव प्रसारण आवाज म्यूट कर की गई. 20 जनवरी को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सुपौल में थे. उस दिन तक प्रगति यात्रा का लाईव प्रसारण आवाज के साथ किया जा रहा था. इसके बाद लाईव में आवाज को बंद करने का खेल शुरू हुआ है.
ऐसी नौबत क्यों आई…जानें…
दरअसल, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रगति यात्रा पर 18 जनवरी को बेगूसराय पहुंचे थे. यहां उन्होंने जनता से बातचीत की. इसी दौरान उन्होंने महिलाओं को लेकर कुछ ऐसा बोल दिया, जिसके बाद एक बार फिर विवाद छिड़ गया . जीविका दीदियों से बातचीत के दौरान उन्होंने पूछा कि पहले लड़कियां कपड़ा पहनती थी जी ? अब कितना बढ़िया हो गया है. सब कितना अच्छा पहन रही हैं और बोलती है कितना बढ़िया हैं. पहले यह बात नहीं बोल पाती थी. अब बहुत अच्छा हो गया है. अब कितना अच्छा लग रहा है. मुख्यमंत्री का यह बयान, ” पहले लड़कियां कपड़ा पहनती थी जी ?” सुर्खियों में आ गया. मीडिया में खबर बन गई. इशके बाद विपक्ष को बोलने का मौका मिल गया. नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस बयान का वीडियो जारी कर जमकर हमला बोला.
स्त्री परिधान वैज्ञानिक’ मत बनिए’- तेजस्वी
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्य़मंत्री नीतीश कुमार का वीडियो ट्वीट कर लिखा, ”पहले बिहार की बेटियां कपड़े ही नहीं, स्वाभिमान, स्वावलंबन और सम्मान भी पहनती थीं नीतीश कुमार जी. स्त्री परिधान वैज्ञानिक’ मत बनिए’! आप 𝐂𝐌 है 𝐖𝐨𝐦𝐞𝐧 𝐅𝐚𝐬𝐡𝐢𝐨𝐧 𝐃𝐞𝐬𝐢𝐠𝐧𝐞𝐫 नहीं। ‘स्त्री परिधान विशेषज्ञ’ बनकर अपनी घटिया सोच का प्रदर्शन बंद कीजिए। ये बयान नहीं, बिहार की आधी आबादी का सीधा अपमान है।