ट्रेन में वेटिंग लिस्ट का झंझट खत्म, अब सबको मिलेगा कंफर्म टिकट, मोदी सरकार ने बनाया नया प्लान
वेटिंग लिस्ट का टंटा ही खत्म! ट्रेन में हमेशा मिलेगी कंफर्म सीट : ऊपर लिखी संख्या को पढ़ने में अगर दिक्कत हुई तो हम बताते हैं कि रेलवे इस योजना पर 1 लाख करोड़ (10 खरब) रुपये खर्च कर रहा है. दरअसल, त्योहारों पर घर जाना हो या परिवार के साथ कहीं घूमने का प्लान, सबसे ज्यादा मुश्किल ट्रेन में कंफर्म टिकट मिलने की रहती है।
रेलवे लगातार इस कोशिश में है कि यात्रियों को ज्यादा से ज्यादा सुविधा मुहैया कराई जाए. इस कड़ी में एक बड़े प्लान पर तैयारी शुरू हो चुकी है. केंद्रीय रेल मंत्री ने दावा किया है कि जल्द ही वेटिंग लिस्ट (Train Waiting List) का झंझट पूरी तरह खत्म हो जाएगा. यात्रियों को जब चाहेंगे, तब कंफर्म टिकट मिल जाएगी।
गौरतलब है कि होली, दिवाली, छठ जैसे त्योहारों पर यूपी, बिहार जाने वाली ट्रेनों में खचाखच यात्री भरे होते हैं. कई महीने पहले से ही ट्रेनें फुल हो जाती हैं और सैकड़ों यात्रियों की लंबी वेटिंग लिस्ट तैयार रहती है. यात्रियों के साथ-साथ रेलवे के लिए भी यह लंबे समय से सिरदर्द और चुनौती बना हुआ है. केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Railways Minister Ashwini Vaishnaw) ने कहा है कि अब हम ऐसे प्लान पर काम कर रहे हैं, जो देशभर में वेटिंग लिस्ट का झंझट पूरी तरह खत्म कर देगा।
इकनॉमिक टाइम्स के अनुसार, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि रेल यात्रियों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है और हमारी कोशिश हर किसी को कंफर्म सीट उपलब्ध कराने की है. इसके लिए नई ट्रेनें खरीदने पर तेजी से काम हो रहा है और इस पर कुल 1 लाख करोड़ रुपये (1 lakh Crore) खर्च किए जाएंगे. इसका आवंटन अगले 4 से 5 साल में किया जाएगा और ट्रेनों की संख्या भी अगले 10 से 15 साल में बढ़ जाएगी।
अभी देश में रोजाना 2 करोड़ से ज्यादा यात्री ट्रेनों में सफर करते हैं. इसके लिए रेलवे 10,754 ट्रेनें रोज दौड़ाता है. अगर 3,000 ट्रेनें और जोड़ दी जाएं तो देश में वेटिंग लिस्ट का टंटा खत्म हो जाएगा. कोरोनाकाल से पहले के मुकाबले अब तक 568 ट्रेनों का फेरा बढ़ाया भी जा चुका है, लेकिन सालाना 00 करोड़ यात्रियों को ढोने के लिए यह पर्याप्त नहीं है. रेलवे का अनुमान है कि 2030 तक ट्रेनों के जरिये सालाना 1,000 करोड़ लोग यात्रा करने लगेंगे, तब ट्रेनों की संख्या बढ़ाना भी जरूरी है. ट्रेनों की संख्या में 30 फीसदी इजाफा होने के साथ ही वेटिंग लिस्ट पूरी तरह खत्म हो जाएगी. फिर न तो त्योहारों पर दिक्कत होगी और न ही पीक ऑवर में भागदौड़।
रेल मंत्री ने बताया कि रेलवे की तैयारी हजारों पुरानी ट्रेनों को रिप्लेस करने की है, जिनकी स्पीड़ नहीं बढ़ाई जा सकती है. इसके लिए अगले 15 साल में करीब 7 से 8 हजार नई ट्रेनों को खरीदा जाएगा. इससे ट्रेनों की संख्या में 3 से 4 हजार का इजाफा भी हो जाएगा. दरअसल, मालगाडि़यों के लिए स्पेशल रूट यानी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर बनाए जाने के बाद करीब 6,000 किलोमीटर का ट्रैक खाली हो जाएगा. इससे पैसेंजर ट्रेनों को चलाने के लिए ज्यादा खाली रूट मिलेगा और इसीलिए ट्रेनों की संख्या बढ़ाने पर दिक्कत भी नहीं होगी।
रेल मंत्री के अनुसार, साल 2030 तक भारतीय रेलवे का पूर्ण विस्तार किए जाने की तैयारी है. इस दौरान करीब 12 लाख करोड़ रुपये के निवेश की तैयारी है. उन्होंने बताया कि चालू वित्तवर्ष में रेलवे को आवंटित किए गए 2.4 लाख करोड़ में से 70 फीसदी राशि अब तक खर्च की जा चुकी है. हम रोजाना करीब 16 किलोमीटर लंबा ट्रैक बिछा रहे हैं, जो मार्च तक करीब 6 हजार किलोमीटर का हो जाएगा।
Discover more from Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts sent to your email.