बिहार की एक लाख 18 हजार किमी ग्रामीण सड़कों की सेहत सुधरेगी
पटना। ग्रामीण कार्य विभाग गांव की सड़कों की गुणवत्ता को और बेहतर करने में जुट गया है। विभाग की कोशिश है कि शहरी सड़कों की तरह ही गांव की सड़कों की भी सेहत में सुधार हो। इसके लिए विभाग ने एक सलाहकार समिति का गठन करने का निर्णय लिया है। इस समिति में रिटायर्ड इंजीनियर होंगे जो ग्रामीण सड़कों की गुणवत्ता को बेहतर करने का सुझाव देंगे। वर्तमान में राज्य में ग्रामीण सड़कों की लंबाई 1 लाख 18 हजार किमी है।
विभागीय अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार राज्य की 26 हजार किलोमीटर ग्रामीण सड़कें मरम्मत अवधि से बाहर है। सरकार ने इन सड़कों का नए सिरे से निर्माण कराने का निर्णय लिया है। नई नीति के तहत विभाग की ओर से निर्मित सड़कों का सात साल तक मरम्मत की जाएगी। अभी मात्र पांच साल तक ही सड़कों की मरम्मत की जाती है। नई नीति के अनुसार सात साल तक ग्रामीण सड़कों की गुणवत्ता बेहतर बनी रहे, इसके लिए विभाग ने राज्यस्तर पर एक सलाहकार समिति गठित करने का निर्णय लिया है। इस समिति में सेवानिवृत्त या सेवारत ग्रामीण कार्य विभाग के इंजीनियरों को शामिल किया जाएगा।
इसके अलावा दूसरे कार्य विभागों के इंजीनियरों को भी इस समिति में शामिल किया जाएगा। अधिकारियों के अनुसार यह समिति न केवल ग्रामीण सड़कों की गुणवत्ता को बेहतर करने का सुझाव देगी, बल्कि निर्माण से लेकर मरम्मत तक की प्रक्रिया की निगरानी भी करेगी। समिति के सदस्य नियमित अंतराल पर राज्य के ग्रामीण सड़कों का निरीक्षण भी करेंगे। निरीक्षण के दौरान ग्रामीण सड़कों की गुणवत्ता में अगर कमी आई तो समिति के सुझाव पर न केवल एजेंसी बल्कि इंजीनियरों की पहचान कर उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।
सड़कों के निरीक्षण का भी दायरा बढ़ेगा
विभाग ने सड़कों के निरीक्षण का दायरा भी बढ़ाने का निर्णय लिया है। संबंधित कार्य प्रमंडल, कार्य अंचल, क्षेत्रीय मुख्य अभियंता के द्वारा मानक विशिष्टियों के अनुरूप कार्य हुए हैं या नहीं, इसकी जांच की जाएगी ताकि सड़कों की राइडिंग क्वालिटी बनी रहे। कार्य प्रमंडल स्तर पर गठित गुणवत्ता जांच एवं प्रयोगशालाओं द्वारा भी योजनाओं की जांच की जाएगी। साथ ही कार्य अंचल स्तर पर सृजित 22 जांच व गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशालाओं व मुख्य अभियंता के स्तर पर सृजित छह जांच एवं गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशाला के स्तर पर सड़कों की जांच की जाएगी। इसके अलावा मुख्यालय स्तर पर उड़नदस्ता जांच दल व वरीय पदाधिकारी भी आवश्यकतानुसार सड़कों की जांच करेंगे।
Discover more from Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts sent to your email.