भागलपुर : तीन दिनों से लगातार गंगा के जलस्तर में हो रही वृद्धि से नाथनगर की करीब सात और सबौर की नौ पंचायतों में बाढ़ की विभीषिका झेलने को लोग मजबूर हैं। हजारों एकड़ में लगी फसल बर्बाद हो गई है। गंगा से सटे इलाकों में बाढ़ से भीषण तबाही है।
बाढ़ पीड़ित टिन का नाव और डेंगी बनाकर अपनी जान जोखिम में डालकर सुरक्षित स्थानों पर जाने को विवश हैं। वहीं नाथनगर के शहरी क्षेत्रों को भी बाढ़ ने अपनी चपेट में ले लिया है। बाढ़ पीड़ित टिल्हाकोठी, टीएनबी कॉलेजिएट, महाशय ड्योढ़ी, सीटीएस चर्च मैदान, बाल निकेतन और रामचंद्रपुर नवटोलिया की सड़क किनारे शरण लिए हुए हैं। भुवालपुर पंचायत की मुखिया किरण देवी ने बताया कि इस पंचायत की आबादी करीब 14 हजार है। सभी बाढ़ से प्रभावित हैं। लगभग 1500 एकड़ में लगी फसल भी बाढ़ के पानी में बर्बाद हो गयी है। वहीं शंकरपुर पंचायत के मुखिया अशोक मंडल ने बताया कि 2500 एकड़ में लगी सब्जी की फसल भी बर्बाद हो गयी। वहीं नाथनगर की उपप्रमुख सविता राय ने बताया कि रन्नूचक पंचायत के 15 हजार लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। गोसाईंदासपुर पंचायत की मुखिया पिंकी देवी ने बताया कि खेती योग्य भूमि लगभग 1500 एकड़ सभी पूरी तरह बाढ़ से प्रभावित है। बैरिया पंचायत के सरपंच आशुतोष कुमार ने बताया कि बाढ़ पीड़ितों की सुविधा के नाम पर जिला प्रशासन या अंचल प्रशासन की तरफ से कोई सुविधा नहीं दी गयी है।
नाथनगर सीओ रजनीश कुमार ने बताया कि प्रखंड की तीन पंचायत बाढ़ से प्रभावित है। अन्य चार पंचायत आंशिक रूप से प्रभावित है। उधर, घोघा पंचायत के संतनगर, दिलदारपुर, ईदमादपुर, फुलकिया सहित कई अन्य टोला और गांव में बाढ़ का पानी घुस गया है। वहीं शाहकुंड के मुंजत जानेवाली सड़क पर बाढ़ का पानी फैल गया है। लोगों को आने-जाने में परेशानी को देखते हुए सीओ डॉ. हर्षा कोमल द्वारा नाव की व्यवस्था की गई है। सीओ ने कहा कि वहां के लोगों को शौचालय की समस्या है। इसके अलावा जिन छह पंचायतों में धान की फसल डूबी है। उसके लिए उच्चाधिकारियों को सूचित कर दिया गया है।
पीरपैंती में काली प्रसाद पुल पर पानी फिर चढ़ा
पीरपैंती प्रखंड के दियारा क्षेत्र में गंगा में तेज उफान आने और जलस्तर में तेजी से वृद्धि होने के कारण गंगा का पानी तेजी से फैलने लगा है। दियारा के दुकानदार पवन कुमार, उत्तम कुमार, अनिल उजाला, वरुण यादव, राजेश तिवारी, पिंटू मंडल आदि ने बताया कि काली प्रसाद पुल से पानी 15 दिन पूर्व उतर गया था। परंतु दो दिनों में फिर से लबालब भर गया है। जिससे आवागमन ठप हो गया।
बिहपुर में जमींदारी गंगा तटबंध पर दबाव
बिहपुर में नरकटिया-नन्हकार जमींदारी गंगा तटबंध पर पानी का दबाव बढ़ गया है। जल संसाधन विभाग द्वारा जियो बैग गिराकर बचाने की कोशिश हो रही है। बाढ़ राहत को लेकर प्रभावित लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। गनगनिया के पास ग्रामीणों ने सुल्तानगंज-मुंगेर सड़क जाम कर राहत की मांग की। सबौर अंचल में प्लास्टिक की मांग को लेकर भारी संख्या में ग्रामीणों ने हंगामा किया।
टीएनबी कॉलेजिएट में पनाह ले रहे हैं प्रभावित
दिलदारपुर गांव के कई ग्रामीण दोबारा टीएनबी कॉलेजिएट कैंपस में टेंट-खूंटा गाड़कर रहने लगे हैं। जबकि शंकरपुर बिंदटोली के बाढ़ प्रभावित गोलाघाट दुधिया मंदिर परिसर में अस्थायी रूप से पनाह ली है। बाढ़ प्रभावितों के साथ आए मवेशियों के विचरण करने से दिन भर शहरी क्षेत्र की सड़कों पर जाम लगा रहा। हवाई अड्डा परिसर में फिर से बाढ़ प्रभावित आ गए हैं।
सबौर में सामुदायिक किचन और राहत शिविर की मांग
सबौर। सबौर की 9 पंचायत बाढ़ की चपेट में है। क्षेत्र के शंकरपुर, ममलखा, फरका, रजंदीपुर, बरारी, चंदेरी, लैलख, बैजलपुर, परघड़ी पंचायत के अलावा सबौर नगर पंचायत के कुछ क्षेत्रों में पानी फैल गया है। क्षेत्र के ममलखा, मसाढू, रामनगर, शंकरपुर, फरका, इंग्लिश, रजंदीपुर, शंकरपुर, बगडेर, संतनगर, नवटोलिया चौक सहित अन्य गांवों में पानी पूरी तरह फैला हुआ है। फरका मुखिया राजेंद्र प्रसाद मंडल ने बाढ़ राहत शिविर व सामुदायिक किचन जल्द शुरू करने की मांग की। जलस्तर में लगातार वृद्धि के कारण रजंदीपुर पंचायत के संतनगर, बगडेर और अन्य गांवों के बाढ़ पीड़ित (महिला-पुरुष) प्रखंड कार्यालय परिसर में खानकित्ता पंचायत सरकार भवन के समीप शरण लिए हुए हैं। ये लोग सीओ से मिलने आए थे। सीओ सौरभ कुमार ने सभी बाढ़ पीड़ितों से एक सूची बनाने के लिए कहा है।
इन इलाकों में भी पहुंचा बाढ़ का पानी
● भवनाथपुर में एनएच 80 पर
● आदमपुर बैंक कालोनी में
● सीएमएस हाई स्कूल मैदान में
● टीएमबीयू छात्रावास-क्वार्टर में
● टीएमबीयू प्रशासनिक भवन परिसर
● बूढ़ानाथ सखीचंद घाट मोहल्ले में
● कहलगांव त्रिमुहान गांव में
● घोघा ग्रामीण क्षेत्र में
● सबौर-जमसी लचका रोड पर