राजस्थान में लोकसभा चुनाव के बाद अब बारी है विधानसभा के उपचुनाव की। जानकारी के अनुसार प्रदेश में दीवाली से पहले 5 सीटों पर उपचुनाव हो सकते हैं। इनमें दौसा, झुंझुनूं, देवली-उनियारा, खींवसर और चौरासी सीटें शामिल हैं। सत्ताधारी बीजेपी चुनावों में जुट गई है। तो वहीं कांग्रेस भी रणनीति बनाकर प्रत्याशियों की स्क्रूटनी में जुटी है।
5 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में सबसे दिलचस्प बात यह है कि पांचों सीटों पर 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी को हार मिली थी। एक तरह से उपचुनावों में बीजेपी का प्रदर्शन हमेशा से फीका ही रहा है। 2014 में केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद से ही कई उपचुनाव हो चुके हैं इनमें बीजेपी अब तक केवल 4 बार ही जीत पाई है।
भाजपा ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव में सभी 25 सीटों पर जीत दर्ज की थी। वहीं इस चुनाव में 10 साल बाद कांग्रेस का खाता खुला और पार्टी ने 11 सीटों पर दर्ज की। वहीं 2013 से 2023 तक करीब तीन बार विधानसभा चुनाव हुए। इनमें 2013 और 2023 में बीजेपी ने सरकार बनाई जबकि 2018 में कांग्रेस ने सत्ता में वापसी की थी। लेकिन इस दौरान हुए उपचुनावों में कांग्रेस बीजेपी पर बीस पड़ती है।
2014-2018 तक पांच उपचुनाव हारी बीजेपी
उपचुनाव 2014-2018- अप्रैल-मई 2014 में राजस्थान की चार विधानसभा सीटों के लिए उपचुनाव हुए। इनमें नसीराबाद, वैर, सूरजगढ़ और कोटा दक्षिण शामिल थी। उपचुनाव में नसीराबाद, वैर और सूरजगढ़ सीट पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की जबकि कोटा दक्षिण सीट ही भाजपा के खाते में गई थी। जबकि 5 महीने पहले हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 200 में से 163 सीटों पर जीत दर्ज की थी। इन चारों सीटों पर उपचुनाव इसलिए हुए क्योंकि यहां से जीते हुए चारों विधायक लोकसभा चुनाव में सांसद बन गए थे। इसके बाद 2017 में धौलपुर सीट पर उपचुनाव हुए यहां पर भाजपा ने जीत दर्ज की जबकि 2018 में मांडलगढ़ सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने बाजी मारी थी।
विधानसभा उपचुनाव 2019-2022
राजस्थान में बीजेपी के उपचुनाव हारने का सिलसिला यहां भी नहीं थमा। 2018 में कांग्रेस ने सत्ता में वापसी करते 100 सीटों पर जीत दर्ज की। इसके बाद 2019 से 2022 के बीच 9 सीटों पर उपचुनाव हुए इनमें 7 पर कांग्रेस तो 1 पर बीजेपी ने जीत दर्ज की। वहीं 1 सीट पर रालोपा ने जीत दर्ज की। बता दें कि 2019 से 2022 के बीच मंडावा, सुजानगढ़, सरदारशहर, धरियावाद, सहाड़ा, रामगढ़ और वल्लभनगर सीट पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। इस दौरान भाजपा विपक्ष में थी।
लोकसभा उपचुनाव भी हार चुकी है बीजेपी
वहीं पिछले 10 सालों में लोकसभा की 2 सीटों पर भी उपचुनाव हुए। 2018 में अजमेर से सांसद सांवरलाल जाट और अलवर से सांसद महंत चांदनाथ की मृत्यु के बाद दोबारा चुनाव कराए गए। 2019 के लोकसभा चुनाव से कुछ महीने पहले हुए इन दोनों चुनावों में बीजेपी को मात मिली थी। हालांकि इन चुनावों के कुछ महीने बाद ही चुनाव में दोनों ही सीटों पर बीजेपी ने जीत दर्ज की थी।